नई दिल्ली (New Dehli) । 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)के बाद अब 29 अक्टूबर को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। 15 दिनों के अंतराल (interval)में सूर्य और चंद्र ग्रहण लगने से पूरे देश और दुनिया (World)में इसका प्रभाव रहेगा। दरअसल वर्ष 2023 के अक्टूबर महीने के अंतिम पखवाड़े (fortnight)में दो-दो ग्रहण लग रहे हैं, एक सूर्य ग्रहण लग चुका है और दूसरा लगने वाला है। पहला सूर्य ग्रहण देश में नहीं दिखा था, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं था, लेकिन अब 28 अक्टूहर को शरद पूर्णिमा पर लगने वाले ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा और इस दिन मंदिर आदि बंद रहेंगे। इन दोनों ही ग्रहणों का प्रभाव देश-दुनिया में रहेगा, जो अशुभ का संकेत दे रहे हैं।चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने से पूरी देश दुनिया में कई तरह के परिणाम नजर आएंगे। दुनिया के तमाम देशों में हलचल बढ़ेगीं। इसका असर भारत में आंशिक रूप से देखने को मिल सकता है।
अंतिम चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को 01 बजकर 06 रात को शुरू होगा और तड़के 02 बजकर 22 मिनट पर खत्म हो जाएगा। भारत में ग्रहण की अवधि 1 घंटा 16 मिनट की होगी। इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण होने से पूर्णिमा के पूजन कार्यों में बाधा आएगी। दरअसल ग्रहण के पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाएगा, इसलिए इस पर चांद की चांदनी में खीर नहीं रखी जाएगी, क्योंकि इश बार चंद्र ग्रहण का सूतक लगेगा। मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे, मंदिर अगले दिन साफ-सफाई के बाद खुलेंगे। 28 अक्टूबर को मंदिरों के कपाट शाम 7 बजे से बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद ग्रहण के बाद ही मंदिर खोला जाएगा। ग्रहण के बाद दान आदि का भी विधान है, इससे ग्रहण के कई अशुभ प्रभाव कम हो जाएंगे। इसलिए इस समय मंदिर में दर्शन करने न जाएं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved