नई दिल्ली। इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 30 नवंबर 2020 को है। चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी (Earth) की छाया से चंद्रमा (MOON) ढंक जाता है। चंद्रग्रहण को खुली आंखों से देखा जा सकता है। चंद्रग्रहण के बाद अगले महीने यानी दिसंबर में 14 तारीख को सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगेगा। इन दोनों खगोलीय घटनाओं को भारत के अलावा दुनिया के अन्य देशों में देखा जा सकेगा। इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि दुनिया के अन्य हिस्से में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण लगने से आस्थावान लोग सूतक काल मानकर कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं। ज्योतिष विज्ञान में यह भी माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कामों से परहेज करना चाहिए और कुछ काम इस दौरान करने से अच्छा फल मिलता है।
न करें ये काम चंद्र ग्रहण के समय
– चंद्र ग्रहण के समय बालों में तेल लगाना, भोजन करना, पानी पीना, सोना, बाल बांधना, साथी से संबंध बनाना, दातुन करना, कपड़े धोना, ताला खोलना जैसे कामों से परहेज करना चाहिए।
– चंद्र ग्रहण के समय अन्न नहीं ग्रहण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान आप जितने अन्न के दाने खाते हैं आपको नरक में उतनी ही यातनाएं झेलनी पड़ती हैं।
– चंद्र ग्रहण के दौरान सोने से परहेज करना चाहिए। चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर यानी कि 3 घंटे तक खाना खाना नहीं चाहिए। हालांकि रोगी, बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये नियम नहीं हैं।
– स्कंद पुराण के मुताबिक, चंद्र ग्रहण पर दूसरे का अनाज या किसी का दिया हुआ खाना खाने से पुण्य का नाश होता है।
– चंद्र ग्रहण के समय कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। हालांकि मन ही मन भगवान का स्मरण किया जा सकता है।
– चंद्र ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को नहीं छूनी चाहिए।
क्या करना चाहिए चंद्र ग्रहण में
– चंद्र ग्रहण लगने से पहले नहा धो करके भगवान की पूजा अर्चना और हवन करना चाहिए।
– पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के समय किए गए दान से सामान्य से कई गुना फल मिलता है। इस दौरान पुण्य कर्म करने चाहिए।
सूतक काल क्या होता है
ग्रहण में सूतक काल का विशेष महत्व बताया गया है। चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोनों में सूतक काल का महत्व होता है। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ होता है। सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। सूतक काल ग्रहण के समाप्त होने पर ही खत्म होता है। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।
वृष राशि में लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण पंचांग के अनुसार 30 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 2 मिनट से लग रहा है। जो शाम 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण
इस बार वृष राशि में लगने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया है। इसे पेनुमब्रल भी कहा जाता है। साल के अंतिम चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 21 मिनट की होगी। यह चंद्र ग्रहण भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण की तिथि और समय
ग्रहण का प्रारंभ : 30 नवंबर 2020 की दोपहर 1.04 बजे
ग्रहण का मध्यकाल : 30 नवंबर 2020 की दोपहर 3.13 बजे
ग्रहण समाप्त : 30 नवंबर 2020 की शाम 5.22 बजे
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