नई दिल्ली। चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) को एक विशेष खगोलीय घटना (celestial event) माना जाता है वहां चंद्रमा को मन का कारक मानते हुए इसके व्यापक प्रभाव की बात ज्योतिषविद कहते हैं। विद्वानों के अनुसार, 8 नवंबर मंगलवार का ग्रहण भी इसी तरह है। चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले प्रारम्भ हो जाता है। सूतककाल (Sutal Kal) में पूजा निषेध होती है। इस चंद्रग्रहण का सूतक 8 नवंबर की सुबह 8. 29 बजे से लग जायेगा।
एक माह में दूसरा ग्रहण
कार्तिक मास (Kartik month) में ही यह दूसरा ग्रहण 15 दिन के अंतराल में है। दिवाली पर सूर्यग्रहण का साया रहा। 25 अक्तूबर को सूर्यग्रहण के कारण दिवाली के पांच पर्वों की श्रृंखला में ब्रेक हुआ था। दिवाली से अगले दिन होने वाला गोवर्धन 26 अक्तूबर को हुआ था। विद्वानों के अनुसार, महाभारत के समय भी एक माह में दो ग्रहण पड़े थे।
चंद्र ग्रहण भारत में कब शुरू होगा
8 नवंबर मंगलवार कार्तिक पूर्णिमा
ग्रहण का सूतक सुबह 8.29 से आरम्भ
ग्रहण आरम्भ दोपहर 2.39 से
ग्रहण समाप्त शाम 6.19 पर
भारत में शाम 5.30-6.20 बजे तक
क्या करें
● ॐ सोम सोमाय नम का जाप करें।
● दूध, चावल, बूरा और अन्य स़फेद खाद्य पदार्थों का दान करें।
● महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
● ग्रहण का सूतक लग जाने के बाद पूजा न करें
अरुणाचल में सबसे पहले दिखाई देगा
चंद्रग्रहण सबसे पहले अरुणाचल में नजर आएगा। पूर्वोत्तर राज्यों में यह पूर्ण चंद्रग्रहण के रूप में नजर आएगा, बाकी जगह आंशिक दिखाई देगा। यह ग्रहण अमेरिका, आस्ट्रेलिया, एशिया आदि में नजर आएगा।
बंद रहेंगे मंदिर के कपाट
कार्तिक पूर्णिमा पर पूरे दिन मंदिर बंद रहेंगे और शाम 619 के बाद ग्रहण का मोक्ष होने पर ही मंदिरों के कपाट खुलेंगे।
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