नई दिल्ली (New Delhi)। लुफ्थांसा फ्लाइट (Lufthansa Flight ) के अधिकारियों ने बताया कि लुफ्थांसा के एक विमान में जबरदस्त टर्बुलेंस (Turbulence) पैदा हुआ, जिसकी वजह से सात यात्रियों को चोट आई. इसके बाद फ्लाइट को वॉशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Washington Dulles International Airport) की ओर डायवर्ट कर दिया गया. फ्लाइट में सवार सात लोगों को स्थानीय हॉस्पिटल में ले जाया गया.
मेट्रोपॉलिटन वॉशिंगटन एयरपोर्ट्स अथॉरिटी के प्रवक्ता माइकल कैबेज ने कहा कि ऑस्टिन, टेक्सास से फ्लाइट 469 फ्रैंकफर्ट, जर्मनी जा रही थी, लेकिन बुधवार (1 मार्च) शाम को वर्जीनिया एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतर गई.
37,000 फीट पर टर्बुलेंस के झटके
माइकल कैबेज ने कहा कि पायलट ने प्लेन में हुई दिक्कतों के बारे में सूचित किया, जिसमें उन्होंने बताया कि टर्बुलेंस की वजह से सात लोग मामूली रूप से घायल हो गए हैं. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बयान में कहा कि एयरबस ए330 ने टेनेसी के ऊपर उड़ान भरते समय 37,000 फीट (लगभग 11,300 मीटर) की ऊंचाई पर जबरदस्त टर्बुलेंस महसूस किए. इसके बाद एजेंसी जांच भी कर रही है कि आखिर जबरदस्त टर्बुलेंस पैदा होने के पीछे क्या वजह है.
प्लेन 1,000 फीट नीचे गिर गया
ऑस्टिन, टेक्सास के 34 वर्षीय यात्री सुसान ज़िम्मरमैन ने कहा कि पायलटों में से एक ने केबिन क्रू को बताया कि अचानक हुई घटना के दौरान प्लेन लगभग 1,000 फीट (लगभग 305 मीटर) नीचे गिर गया था. उसने एक फोन पर इंटरव्यू में कहा कि टर्बुलेंस के बाद ऐसा लगा जैसे हम लोग प्लेन के साथ नीचे गिरते जा रहे हैं. सब कुछ तैरता हुआ महसूस हो रहा था. ऐसा लग रहा था कि मानों ग्रेविटी खत्म हो गई हो.
सर्वोच्च प्राथमिकता है
वहीं लुफ्थांसा ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि उड़ान भरने के लगभग 90 मिनट बाद कम समय के लिए ही लेकिन गंभीर टर्बुलेंस पैदा हुआ और एहतियात के तौर पर इमरजेंसी लैंडिंग करवानी पड़ी. एयरलाइन ने आगे कहा कि लैंडिंग के बाद चोटिल यात्रियों को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा. एनटीएसबी की रिपोर्ट के अनुसार उड़ान के दौरान टर्बुलेंस चोट लगने का एक प्रमुख कारण बना हुआ है. साल 2009 और 2018 के बीच बड़ी कॉर्मशियल एयरलाइनों पर सभी दुर्घटनाओं में 37.6 फीसदी हिस्सा टर्बुलेंस का था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved