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    लुधियाना कांड: ग्यासपुरा में कैसे फैली जहरीली गैस, जिसने ले ली 11 जान? पुलिस को मिली वजह

  • May 01, 2023

    चंडीगढ़: पंजाब के लुधियाना स्थित ग्यासपुरा इलाके में रविवार सुबह करीब 7 बजे जहरीली गैस लीक (Ludhiana Gas Leak Case) होने से 11 लोगों के मरने की घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि जहरीली गैस ने 30 सेकेंड में ही लोगों के प्राण हर लिए. वहीं जो लोग अपनी सुध खोकर अस्पताल पहुंचे थे उन्हें ठीक से याद ही नहीं है कि उन्हें आखिरी हुआ क्या था.

    बेहाशी से बाहर आकर इन लोगों ने अपने आप को अस्पताल में पाया. उधर एनडीआरएफ (NDRF) के एयर क्वालिटी सेंसर ने पुष्टि की है कि इलाके में हाइड्रोजन सल्फाइड गैस की मात्रा अधिक थी. विशेषज्ञों का कहना है कि यह इतनी घातक है कि इस गैस के संपर्क में अगर 30 सेकेंड से रहने पर इंसान की मौत हो सकती है. गैस लीक के दौरान ऐसा ही मंजर ग्यासपुरा में नजर आया.

    होश में आने पर पीड़ित बोले- कुछ याद नहीं
    गैस के कारण बेहाश होकर अस्पताल पहुंचे स्थानीय निवासी नितिन ने बताया कि दम घुटने के बाद वह बेहोश हो गए थे और इसके बाद उन्होंने अपने आप को अस्पताल में पाया.अस्पताल में भर्ती गौरव ने होश में आने के बाद बताया कि बेहोशी से पहले वह एक दुकान में थे जहां एक महिला भी मौजूद थी, लेकिन महिला कहां है उन्हें कुछ याद नहीं. दोनों ही पीड़ित इस बड़े हादसे में बचने के बाद भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं.


    पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आई हादसे की वजह!
    गैस लीक कांड में अभी तक की जांच में कोई ठोस तथ्य सामने नहीं आए हैं कि हाइड्रोजन सल्फाइड गैस कैसे इलाके में पहुंची. हालांकि पुलिस की शुरुआती जांच में संकेत मिला है कि हादसे के लिए सीवरेज में केमिकल का प्रवाह करने वाली फैक्ट्रियां जिम्मेदार हैं. सीवरेज में केमिकल के मिक्स होने पर ही हाइड्रोजन सल्फाइड गैस बनने की संभावना प्रबल हो जाती है.

    एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ग्यासपुरा इलाके में करीब 40 से अधिक फैक्ट्रियां इस तरह के केमिकल्स का चोरी छिपे प्रयोग कर रही हैं. अधिकांश के पास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट ही नहीं है और ये चोरी से सीवरेज में केमिकल्स का प्रवाह सीवरेज में कर देते हैं.

    पुलिस की जांच भी यही कह रही है कि फैक्ट्रियां अमुमन देर रात 1 बजे के आसपास केमिकल्स को सीवरेज में बहाती थीं और यह केमिकल्स डेढ़ से दो घंटे के अंदर बुड्ढे नाले में पहुंच कर शहर से बाहर हो जाते थे, लेकिन रविवार को कुछ फैक्टरियों ने ये केमिकल युक्त पानी सुबह साढ़े 6 बजे सीवरेज में छोड़ा.

    ऐसा कहा गया है कि यह हादसा इसी वजह से हुआ. बहरहाल पुलिस की प्राथमिक जांच के बाद जिला प्रशासन ने 14 फैक्ट्रियों के केमिकल्स के सैंपल लिए हैं और उन्हें लैब में जांच के लिए भेज दिया है. माना जा रहा है कि रिपोर्ट आने पर घटना के कारणों की तस्वीर साफ हो जाएगी.

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