लखनऊ । उप्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए अलकायदा समर्थित संगठन के दो आतंकियों को 14 अगस्त तक छोड़ने के लिए धमकी भरा पत्र अलीगंज स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर प्रबंधन को मिला। यह पत्र रजिस्टर्ड डाक से भेजा गया है। इस पत्र भेजने वाले के बारे में एटीएस और लखनऊ पुलिस पता लगा रही हैं।
प्राचीन हनुमान मन्दिर प्रबंधन को रजिस्टर्ड डाक से शुक्रवार देर शाम को एक पत्र मिला। इसकी जानकारी शनिवार को मंदिर प्रबंधन ने दी। जब उन्होंने इस पत्र को खोलकर पढ़ा तो सभी के होश उड़ गए। यहां के प्रबंधन और जिम्मेदारों ने बताया कि पत्र में लिखा है कि जिन मुजाहिदों को पकड़ा गया था अगर उन्हें 14 अगस्त तक नहीं छोड़ा गया तो उन्हें मजबूरन हथियार उठाना पड़ेगा। शहर के बड़ा हनुमान मन्दिर और आरएसएस के कई कार्यालय उनके निशाने पर हैं। पत्र में यह भी लिखा है कि पूरे शहर में दस हिन्दू हजरात पर भी हमारी खास तवज्जो है जो कि इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। हम इन सबके गले रेतकर इन्हें जल्दी ही दोजख की आग में झोंक देंगे। पुलिस जिन बेगुनाह मुसलमानों को फंसा कर जेल भेज रहे हैं, उनका भी हिसाब किया जायेगा। हिन्दू औरतों के बारे में कहा गया है कि हम उन पर इतना कहर बरपाएंगे कि आपकी हुकूमत हिल जायेगी। इस पत्र में 15 अगस्त से एक दिन पहले तक का वक्त दिया जा रहा है। आगे के अंजाम के जिम्मेदार खुद होंगे।
पत्र भेजने वाले इंतजार ने कहा कि उन्हें किसी का भी खौफ नहीं है, वह सिर्फ अल्लाह से डरते हैं। इसलिए अपना नाम भी खुले तौर पर लिख रहे हैं। उसने पत्र में अपना नाम अंदर लिखा है जबकि रजिस्टर्ड डाक के ऊपर नाम पर जोगिन्दर सिंह खदरा मदेयगंज लिखा ह़ुआ है। इधर अलीगंज एसीपी अखिलेश कुमार का कहना है कि आतंकियों को छुड़ाने को लेकर मिले धमकी भरे पत्र का संज्ञान लेकर राजधानी पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। अलीगंज पुलिस हनुमान मन्दिर पहुंची और अन्य आवश्यक जानकारी लेने के बाद अपनी जांच शुरू कर दी है। शहर के सभी प्रमुख मन्दिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि एटीएस ने लखनऊ के इलाके से अलकायदा के समर्थित संगठन के दो आतंकवादियों मिनहाज और मसीरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पाया गया कि यह लोग 15 अगस्त से पहले बड़ा आतंकी हमला करने वाले थे। एटीएस ने इनके कई मददगारों को भी पकड़ा था।
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