हमने भारी दरियादिली दिखाई… अपनी टांग फंसाकर उनकी जान बचाई… अब यह मुसीबत अपने गले आई… बांग्लादेश से खदेड़ी गई शेख हसीना ने दुनियाभर में गुहार लगाई… लेकिन किसी भी देश की हामी नहीं आई… कोई शरण देना तो दूर जवाब देने को तैयार नहीं है… और हम हैं कि मुसीबत पाले जा रहे हैं… भविष्य को समझ नहीं पा रहे हैं… पाकिस्तान से पहले ही पंगा लिए बैठे हैं… अब बांग्लादेशियों को भी नाराज किए जा रहे हैं… वहां की सरकार हसीना का घर-बार ठिकाने लगाने पर तुली है… उनके हर समर्थक को जेल में ठूंसा जा रहा है… घरों को लूटा जा रहा है… परिवार तबाह किए जा रहे हैं… उनकी बहन-बेटियों के साथ दरिंदगी दिखा रहे हैं और हम मेहमान नवाजी में मरे जा रहे हैं… आज जाएगी… कल जाएगी के इंतजार में दिन बीते जा रहे हैं और बांग्लादेश के कट्टरपंथी भारत से इंतकाम की तैयारी किए जा रहे हैं… हमारी दरियादिली बांग्लादेश के हिन्दुओं पर कहर ढा रही है… हसीना के पनाह की कीमत उनसे वसूली जा रही है… सरहदों पर घुसपैठियों की भीड़ बढ़ती जा रही है और हम अपनी हिफाजत के बजाय उनकी रियायत के बारे में दिमाग लगा रहे हैं… हिन्दुओं का इकलौता देश भारत इस्लामिक मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश के साथ ही म्यांमार, अफानिस्तान से भी घिरा हुआ है… श्रीलंका अब चीन का साथी बन गया और चीन हमारा पाकिस्तान से बड़ा दुश्मन है… कुल मिलाकर हम अस्थिर… अशांत और आक्रांत देशों से घिरे हुए हैं… वो तो सौभाग्य है कि हमारी मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था और मोदीजी की स्थिर सरकार के बुलंद हौंसलों और आक्रामक निर्णयों से पड़ौसी डरते और बिचकते हैं… वरना सीमाओं पर सेना और देश में जनता आतंकवाद से लड़ते हुए कमजोर निर्बल और निष्काम नजर आते है और दुश्मन हावी हो जाते… जरूरत है कि हम हमारी विदेश नीति को लचर और सहिष्णु बनाने के बजाय कठोर और बुलंद बनाएं… दूसरों के पचड़ों में टांग न फंसाए… हसीना को उसके हाल पर छोडक़र अपने देश को बचाएं… ब्रिटेन शरण देने के लिए चाहे जो शर्त थोंपे… हसीना को वहां पहुंचाए… फैसले के लिए दो-चार दिन देकर दूसरे इस्लामिक मुल्कों में पनाह की व्यवस्था करवाए और दुनिया को यह भी बताए कि दुनिया के इस्लामिक नेता भी इस्लामिक मुल्कों में जाने से कतराते हैं… भारत, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों के आगे हाथ फैलाते हैं… क्योंकि वो जानते हैं कि पाकिस्तान बनाने वाले जुल्फिकार भुट्टो को फांसी चढ़ा दिया जाता है… बेनजीर भुट्टो को मार दिया जाता है… मुशर्रफ-नवाज को निकाल दिया जाता है… वैसे ही बांग्लादेश बनाने वाले शेख मुजीब रहमान को पूरे परिवार के साथ कत्ल कर दिया जाता है… शेख हसीना को देश से निकाल दिया जाता है… अफगानिस्तान में तालिबानियों द्वारा तख्त पलटकर सरकार को मिटा दिया जाता है… म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का कत्लेआम किया जाता है…जो इस्लामिक देश अपनी अवाम के साथ जुल्म और दरिंदगी से पेश आते हैं… लड़-लडक़र भिखारी होकर चीन-अमेरिका के टुकड़ों पर जीवन चलाते हैं… वो दुनिया के रहनुमा होने का दावा कैसे कर पाते हैं… समृद्ध इस्लामिक देश चाहे वो सउदी अरब हो या यूएई वो भी इन फटेहाल देशों को तो छोड़ दो…ईरान, इराक, सीरिया जैसे मुल्कों के भी फटे में पांव नहीं डालते हैं… और हम हैं कि शेख हसीना को पनाह देकर दरियादिली दिखाते हैं… इसे अपनी कुटनीति मानते है… लेकिन हमारी ही नीति की यह नियती है कि पाकिस्तान से लड़ कर हमने बांग्लादेश बनाया और उसी बांग्लादेश के लोगों ने हमारे देश में घुसपेठ कर अपराध बढ़ाया… लड़ाई लड़ कर हमने जीता हुआ पाकिस्तान लौटाया और उसी पाकिस्तान ने देश में आतंक फैलाया… इसीलिए अब एक ही कुटनीति होना चाहिए दूसरों के झगड़ों से न केवल दूर रहे, बल्कि दूरी नजर भी आना चाहिए…
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