भोपाल। मध्य प्रदेश में पहले चरण का नगरीय निकाय चुनाव शांतिपूर्ण रहा। नगर सरकार चुनने के लिए 61 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया। इसमें 59.10 प्रतिशत महिला, 63.20 प्रतिशत पुरुष और अन्य वर्ग में 34.60 प्रतिशत शामिल हैं। 44 जिलों में सर्वाधिक 88.40 प्रतिशत मतदान आगर-मालवा जिले में हुआ है। जबकि, ग्वालियर और भोपाल 49 प्रतिशत मतदान रहा। वास्तविक मतदान के दौरान 61 कंट्रोल यूनिट और 114 बैलेट यूनिट बदली गयी हैं। मॉकपोल के दौरान 62 सीयू और 123 बीयू बदली गयी। मतदान के लिए रिजर्व सहित कुल 20 हजार 456 कंट्रोल यूनिट (सीयू) और 34 हजार 983 बैलेट यूनिट (बीयू) का उपयोग किया गया। मतदान के दौरान मुख्य रूप से ग्वालियर जिले में 5 सीयू, 11 बीयू, सागर में 5 सीयू, 8 बीयू, सतना में 4 सीयू, 6 बीयू, जबलपुर में 9 सीयू, 18 बीयू, छिंदवाड़ा में 4 सीयू, 8 बीयू, भोपाल में 4 सीयू, 9 बीयू, इंदौर में 6 सीयू, 26, बीयू, और उज्जैन जिले में 2 सीयू, और 2 बीयू बदली गयी हैं।
मतदाता को मिलती पर्ची तो बंपर होती वोटिंग
वार्ड 52 में रहने वाले रामबाबू रैकवार ने बताया कि मतदाताओं को उनकी मतदाता पर्ची नहीं मिल पाई, जिससे मतदान का प्रतिशत कम रहा। वार्ड 52 के सुरेंद्र होम्स और पल्लवी नगर के रहवासियों के लिए ओरियन और सेवियर स्कूल में मतदान केंद्र बनाए गए थे। लेकिन मतदाता वहां पहुंचे तो उनके नाम की पर्चियां नही मिली। जबकि घरा आकर रैकवार ने देखा तो जिला प्रशासन की वेबसाइट पर उनका नाम दिख रहा था। यही हाल अन्य मतदाताओं के साथ हुआ, जिससे वो मतदान में शामिल नहीं हो पाए।
वीवीपैट नहीं होने पर चुनाव निरस्त करने की मांग
नगर निगम चुनाव 2022 में ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल नहीं होने पर आम आदमी पार्टी ने चुनाव निरस्त करने की मांग की है। इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह से की गई है। आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल ने बताया कि बीते सालों में जिस प्रकार ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ हो रही है, ऐसे में निष्पक्ष मतदान की गुंजाइश कम है। इसीलिए बीते सालों में निर्वाचन आयेाग ने चुनाव में पारदर्शिता लाने के निए ईवीएम के साथ वीवी पैट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। वहीं दूसरी समस्या लोगों का मतदाता पर्ची नहीं होने पर हुई। लोग मतदान के लिए बूथों में अपना नाम खोजते रहे, लेकिन उनके नाम मतदाता पर्चियां गायब थी। ऐसे में मतदाताओं को वोट डालने के लिए घंटो परेशान होना पड़ा। वहीं वार्ड क्रमांक 79, 74 और 28 में हजारों मतदाताओं ने पर्ची नहीं मिलने की वजह से वोट नहीं डाले। खंडेलवाल ने मतदाताओं की इन समस्याओं को लेकर निर्वाचन आयोग से चुनाव निरस्त करने की मांग की है।
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