भोपाल। राजधानी में कल से शुरू हुई लो फ्लोर बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं। बसें खाली चल रही हैं। वहीं प्रदेशभर में निजी बसों के पहिए अभी भी थमे हुए हैं। बस संचालकों ने डीजल के दाम और टोल दरों में बढ़ोतरी को देख सरकार से 60 प्रतिशत किराया बढ़ाने की मांग की है। हालांकि कोरोनाकाल का टैक्स माफ करने की मांग के चलते अभी तक उन्होंने बसों का संचालन शुरू नहीं किया है। प्राइम रूट बस आनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि एक सितंबर से प्रदेश के सभी टोल नाकों पर सात फीसद टोल टैक्स बढ़ाकर सभी प्रकार के वाहन स्वामियों पर अतिरिक्त भार बढ़ा दिया गया है। परिवहन विभाग के किराया बोर्ड ने वर्ष 2018 में आठ पैसा बस यात्री किराया बढ़ाया था। तब से अब तक डीजल के भाव 25 रुपए बढ़ गए हैं। इसलिए हम सरकार से किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शर्मा के मुताबिक बसें नहीं चलाने से यात्री परेशान हो रहे हैं।
पहले दिन मिले सिर्फ 80 यात्री
शासन के आदेश के दो सप्ताह बाद आखिरकार भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड ने शहर में सिटी बस सेवा गुरुवार को शुरू कर दी। पहली लो फ्लोर बस सुबह 8:30 बजे जवाहर चौक डिपो से एस आर-1 भैंसाखेड़ी चिरायु अस्पताल के लिए रवाना हुई। फिर वापस कोलार बैरागढ़ चीचली (वाया टीटी नगर)गई। इस बस ने शाम 7 बजे तक चार फेरे लगाए। जिसमें 80 लोगों ने यात्रा की। 45 लोगों ने सिटी बस के पास से यात्रा की वहीं 35 यात्रियों ने बस में मोबाइल एप के जरिये किराया दिया। यात्री मास्क लगाए थे। बीसीएलएल ने निर्णय के अनुसार बसों का संचालन नहीं किया। सुबह 7 बजे की जगह डेढ़ घंटे बाद बस मार्ग पर निकाली। साथ ही एक मार्ग की एसआर-1 बस चलाई। एसआर-1 ए भैंसाखेड़ी चिरायु अस्पताल से बैरागढ़ चीचली(वाया वल्लभ भवन)बसें ही चली हैं। बकाया वेतन नहीं मिलने से चालक-परिचालकों और हेल्परों ने विरोध भी किया। इस कारम तय समय पर दो मार्गों पर 9 लो फ्लोर बसें 25-25 मिनट के अंतराल से नहीं चलीं।
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