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    लवलेश और सनी थे मेन स्ट्राइकर, बैकअप में था अरुण! प्लानिंग के साथ हुआ अतीक-अशरफ का मर्डर

  • April 17, 2023

    लखनऊ: पूरे पुलिसिया बंदोंबस्त के बावजूद शनिवार की रात जब तीन लड़कों ने अतीक अहमद और अशरफ को पॉइंट जीरो रेंज से भून डाला तो पूरा सूबा इस घटना से सन्न रह गया. लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य ने पुलिस जीप से उतरे माफिया ब्रदर्स अतीक और अशरफ को चंद कदम चलने भर दिया और फिर ताबड़तोड़ गोलियां उनके शरीर में उतार दीं. अपने मंसूबों को अंजाम देने के बाद ये तीनों नारेबाजी करते हुए खुद को सरेंडर कर देते हैं.

    किसी क्राइम थ्रिलर की तरह ये एपिसोड तो यहां बंद हो गया, लेकिन ये ‘द एंड’ नहीं है. आने वाले एपिसोड में ये किरदार और खुलेंगे और नई कहानियां जुड़ती जाएंगी. अब तक के घटनाक्रम पर नजर डालें तो ये समझ आता है कि इस पूरे घटनाक्रम को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया गया. प्लानिंग के साथ किस को कहां से हमला करना है और किस की क्या पोजिशन होगी वो भी तय था.अतीक और अशरफ जब जीप से बाहर आए तो अतीक के दाहिनी तरफ लवलेश तिवारी था. सामने सनी और सनी से कुछ पीछे अरुण ने पोजीशन ले रखी थी.

    क्या था अतीक-अशरफ को मारने का प्लान?
    पहली गोली लवलेश ने अतीक के लेफ्ट साइड से कनपटी से थोड़ा ऊपर चलाई. अगले ही पल दूसरी गोली सनी ने सामने से अशरफ पर चलाई. शुरुआती दो गोलियां मुश्किल से 1 सेकंड के अंदर चलीं. 2 सेकंड में ही दोनों माफिया ब्रदर्स जमीन पर गिर गए. तभी पीछे से अरुण दौड़ता हुआ आया और फिर इन तीनों शूटर्स ने माफिया ब्रदर्स को भून डाला.


    तीनों शूटर्स की क्या-क्या रही भूमिका?
    इस पूरे प्रकरण पर नजर डालने से पता लगता है कि लवलेश और सनी मुख्य स्ट्राइकर थे जबकि अरुण बैकअप पर था. तीनों शूटर की पोजीशन इस तरह थी कि तीनों तरफ से माफिया ब्रदर्स को घेरा गया था. यानी बचने का किसी तरफ से कोई चांस ही न बचे. ये सब कुछ प्लानिंग से हुआ है कुछ भी आउट ऑफ प्लान नहीं था. लवलेश और सनी ने करीब-करीब एक साथ फायर किया था, इसलिए ये मुमकिन है कि लवलेश कि गोली ही सबसे पहले अतीक को लगी हो. पहली नजर से लग रहा है कि लवलेश का टारगेट अतीक और सनी का अशरफ था. वहीं इन दोनों के बैकअप पर अरुण मौजूद था.

    पहले मारा फिर कर दिया सरेंडर
    अतीक और अशरफ पर अपनी बंदूकें खाली करने के बाद तीनों हत्यारे सरेंडर और जय श्री राम चिल्लाने लगते हैं. इसका सीध मतलब था कि ये मरने मारने के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ मारने और सरेंडर करने के लिए आए थे. हुआ भी ऐसा ही. तीनों ने अपने प्लान को अंजाम दिया और सरेंडर कर दिया.

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