नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल, असम के चुनाव में ‘लव जिहाद’ बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है. उत्तर प्रदेश के बाद भाजपा शासित अन्य राज्य भी ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में हैं. मध्य प्रदेश में जहां इसे लेकर कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है, वहीं हरियाणा और कर्नाटक में भी कानून बनाने की तैयारी की जा रही है.
अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल, असम तथा अन्य राज्यों के चुनावों में भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है. भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने इसको लेकर पहले ही संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि लव जिहाद एक गंभीर समस्या है. कई बहनें और माताएं इसका शिकार हुई हैं. यह राज्य का मामला है और राज्य सरकारों को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं श्री सिंह का कहना यह भी है कि कुछ राज्य सरकारें लव जिहाद के खिलाफ काम कर रही हैं और आगे भी कार्रवाई जारी रखेंगी. माना जा रहा है कि पार्टी गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों पर इसे लेकर दबाव बनाएगी. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शिवसेना पर निशाना साधकर इसकी शुरुआत भी कर दी है.
फड़नवीस ने शिवसेना की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राकांपा और कांग्रेस की संगत में आने पर शिवसेना का रुख लव जिहाद के खिलाफ नरम पड़ गया है. अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर भाजपा के एक केंद्रीय पदाधिकारी ने बताया कि बेशक इससे राजनीतिक लाभ हो सकता है, लेकिन यह भाजपा के लिए राजनीति नहीं बल्कि सामाज के प्रति जवाबदेही का मामला है.
उधर, इसे लेकर राजनीतिक रस्साकशी के बीच बिहार सरकार पर भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का दबाव बनता नजर आ रहा है. शिवसेना के संजय राऊत ने जहां बिहार में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की चुनौती भाजपा के सामने रख दी है वहीं केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने नीतीश सरकार से लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का अनुरोध किया है.
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