भोपाल। देशभर में लवजिहाद का मुद्दा गहराया हुआ है। इस बीच राज्य सरकार ने लव जिहाद रोकने के लिए कानून का मसौदा तैयार कर लिया है। अभी कानून के उल्लंघन पर सजा का प्रावधान नहीं किया गया है। जो मसौदा तैयार किया है, उसमें पांच साल की सजा एवं गैर जमानती अपराध माना है। जबकि सजा को लेकर विशेषज्ञों से भी सलाह मांगी गई है। कानून का मसौदा जल्द ही मुख्यमंत्री के सामने पेश किया जाएगा। जिसमें सजा के प्रावधान पर फैसला हो सकता है। संभवत: लिव जिहाद कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान हो सकता है। गृह ने मुख्यमंत्री चौहान से समय मांगा है, पर उनकी व्यस्तताओं के चलते अभी समय नहीं मिल पा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री के सामने मसौदा जाने के बाद मांगों के अनुकूल मसौदे में बदलाव होंगे। लव जिहाद के बढ़ते मामलों के बीच देश के कई राज्य इसे कानून के दायरे में लाने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पांच दिन पहले बाकायदा ट्वीट कर जानकारी दी कि सरकार लव जिहाद पर कानून बना रही है। इसके बाद कानून में कड़े प्रविधान करने की मांग उठने लगी है। मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भी मुख्यमंत्री चौहान को पत्र लिखकर पांच की बजाय कानून में दस साल की सजा का प्रविधान करने की मांग की है।
इसी सत्र में पेश होगा विधेयक
सरकार लव जिहाद को लेकर विधानसभा के इसी सत्र में विधेयक लाने की तैयारी में है। कोरोना संक्रमण के कारण सत्र आगे नहीं बढ़ा, तो सरकार अगले माह कानून बना देगी। ज्ञात हो कि स्थाई व्यवस्था के तहत विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर माह में बुलाया जाता है, पर पिछले हफ्ते से मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ रही है। ऐसे में सत्र बुलाया जाएगा या नहीं, यह अभी तय होना है।
अभी 5 साल की सजा का है प्रावधन
गृह विभाग में तैयार कानून के मसौदे में अभी इस मामले में दोषी को पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है। इस अपराध को गैर जमानती रखा गया है। वहीं इसमें सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपित की तरह ही सजा के दायरे में लाया गया है। हाल ही में प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा एवं अन्य नेताओं ने इसे कठोर कानून की जद में लाने की मांग उठाई है। शर्मा ने मुख्यमंत्री से 10 साल की सजा का प्रावधान करने की मांग की है। इस कानून का कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह भी समर्थन कर चुके हैं। ऐसे में कानून के मसौदे पर एक बार फिर मंथन की स्थिति बन गई है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री चौहान के साथ गृह विभाग के अधिकारियों की बैठक के बाद मसौदे में बहुत कुछ बदलेगा। इसके बाद संशोधित मसौदा वरिष्ठ सदस्य सचिव समिति और फिर विधि विभाग के पास कानूनी पहलुओं के परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
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