• img-fluid

    अध्यादेश अच्छा लेकिन….?

  • November 26, 2020

    – डॉ. वेदप्रताप वैदिक

    उत्तर प्रदेश सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश जारी कर दिया है। अध्यादेश में लव जिहाद शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है, यह अच्छी बात है, क्योंकि लव और जिहाद, ये दोनों शब्द परस्पर विरोधी हैं। जहां लव होगा, वहां जिहाद हो ही नहीं सकता। लव जिहाद का हिंदी रूप होगा- ‘प्रेमयुद्ध’। जहां प्रेम होगा, वहां युद्ध नहीं हो सकता और जहां युद्ध होगा, वहां प्रेम कैसे होगा?

    लव जिहाद में न लव होता है और न ही जिहाद होता है। उसमें धोखाधड़ी होती है, तिकड़म होती है, दुष्कर्म होता है, बल-प्रयोग होता है और गंदी राजनीति होती है। इसे रोकना तो हर सरकार का कर्तव्य है। इस उद्देश्य से बने हर कानून का स्वागत किया जाना चाहिए। उ.प्र. के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि धर्म-परिवर्तन याने हिंदू लड़कियों को जबर्दस्ती मुसलमान बनाने के लगभग 100 ऐसे मामले सामने आए हैं। यदि ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए यह कानून लाया जा रहा है तो इसका अवश्य स्वागत किया जाना चाहिए लेकिन छल-छिद्र से धर्म-परिवर्तन करने के खिलाफ तो पहले ही कठोर कानून बने हुए हैं। कई राज्यों ने इन्हें पूरी दृढ़ता के साथ लागू भी किया है।

    उ.प्र. सरकार के इस अध्यादेश में एक नई और अच्छी बात यह है कि सामूहिक धर्म-परिवर्तन करनेवाली संस्थाओं पर प्रतिबंध लगेगा और उसकी सजा भी कठोर है लेकिन सरकार यह कैसे सिद्ध करेगी कि फलां धर्म-परिवर्तन शादी के लिए ही किया गया है? अगर धर्म-परिवर्तन के लिए शादी का बहाना बनाया गया है तो ऐसी शादी कितने दिन चलेगी? और शादी के खातिर यदि कोई हिंदू या मुसलमान बनना चाहेगा तो कानून उसे कैसे रोकेगा? जो हिंदू लड़की किसी मुसलमान से शादी करेगी, वह दो माह पहले इसकी सूचना पुलिस को देगी लेकिन किसी हिंदू लड़के से शादी करनेवाली मुसलमान लड़की को भी यह सूचना देनी होगी। सूचना देने भर से शादी कैसे रुकेगी? ‘हिंदू मेरिज एक्ट’ और ‘मुस्लिम पर्सनल लाॅ’ के मुताबिक ऐसी शादी अवैध होती है लेकिन ‘स्पेश्यल मेरिज एक्ट’ यह अनुमति देता है कि शादी करनेवाले वर और वधू अपने-अपने धर्म को बदले बिना भी शादी कर सकते हैं। इसीलिए जो भी वर या वधू अपना धर्म बदलेंगे, उन्हें बदलने से कैसे रोका जा सकता है और जो नहीं बदलना चाहेंगे, उन्हें भी शादी करने से कैसे रोका जाएगा?

    (लेखक सुप्रसिद्ध पत्रकार और स्तंभकार हैं।)

    Share:

    संविधान दिवसः नन्दलाल बोस के 22 चित्र और नए भारत का अभ्युदय

    Thu Nov 26 , 2020
    – डॉ. अजय खेमरिया आज ही के दिन (26 नवम्बर 1949) हम भारतीयों का संविधान बनकर तैयार हुआ था। आज 71 वर्ष बाद हमारा संविधान क्या अपनी उस मौलिक प्रतिबद्धता की ओर उन्मुख हो रहा है, जिसे इसके रचनाकारों ने अपनी भारतीयता के प्रधान तत्व को आगे रखकर बनाया था। आज इस सवाल को सेक्यूलरिज्म […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved