डाइजल। दुनिया का पहला ऑडियो कैसेट (World’s first audio cassette) बनाने वाले डच इंजीनियर लोऊ ओटेन्स (Dutch engineer Lou Ottens) का 94 साल की उम्र (94 years old) में छह मार्च को निधन (Died on March 6) हो गया। उन्होंने नीदरलैंड्स (Netherlands) स्थित अपने होम टाउन डाइजल(Home Town Duizel) में अंतिम सांस ली। हालांकि उनकी मौत की वज अभी तक साफ महीं हो पाई है।
ओटेन्स ने पहला कैसेट वर्ष 1963 में बनाया था। एक अनुमान के अनुसार, ओटेन्स द्वारा पहले कैसेट के आविष्कार के बाद से अब तक दुनियाभर में 10,000 करोड़ कैसेट टेप बिक चुके हैं। ओटेन्स के इस आविष्कार ने संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी थी। कैसेट ने लोगों को चलते-फिरते भी संगीत सुनने की सुविधा दी।
ओटेन्स की इंजीनियर्स टीम को भारी-भरकम रील टेप रिकॉर्डर को पोर्टेबल और कंज्यूमर फ्रेंडली गैजेट के रूप में तब्दील करने को कहा गया। इसके एक साल बाद ही ओटेन्स ने साल 1961 में दुनिया का पहला पोर्टेबल टेप रिकॉर्डर बनाया था, जिसकी अब तक करीब एक मिलियन यानी 10 लाख कापी की बिक्री हो चुकी है।
37 साल की उम्र में ओटेन्स ने 30 अगस्त 1963 को बर्लिन रेडियो इलेक्ट्रॉनिक्स फेयर में ऑडियो कैसेट टेप को दुनिया के सामने पेश किया, जिसे अब आईएफए बर्लिन के नाम से जाना जाता है।
हालांकि, उस समय जापान की तरफ से भी एक अलग वर्जन का ऑडियो कैसेट पेश किया गया था। इसके बाद में ओटेन्स ने अपने आविष्कार को लेकर सोनी और फिलिप्स के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस डील के बाद वह दुनियाभर में प्रसिद्ध हो गए।
उल्लेखनीय है कि साल 2013 में कैसेट टेप के आविष्कार के 50 साल पूरे हुए थे। इस मौक पर एक इंटरव्यू के दौरान ओटेन्स ने कहा था, ‘मैंने जब ऑडियो कैसेट को पहली बार दुनिया के सामने इसे पेश किया, तब यह सनसनी बन गई थी। ऑडियो कैसेट का दौर आने से पहले रिकॉर्डिंग के लिए रील-टू-रील डिवाइस इस्तेमाल होती थी, लेकिन इसे इस्तेमाल करना कठिन था। इसके लिए ट्रेनिंग और विशेषज्ञता की जरूरत पड़ती थी।’
फिलिप्स और सोनी के साथ किए गए समझौते के बाद ओटेन्स के कैसेट मॉडल को पेटेंट मिल गया। हालांकि, कैसेट वास्तव में उस समय मशहूर हुई जब 1979 में सोनी ने वॉकमैन पेश किया। वॉकमैन एक पोर्टेबल कैसेट प्लेयर था, जिसके लॉन्च होने के बाद पूरी दुनिया में तहलका मच गया। हर कोई इसका दीवाना हो गया।
ओटेन्स अपने इस आविष्कार के लिए सोनी के वॉकमैन को सबसे मुफीद माध्यम बताते थे, न कि फिलिप्स को। जबकि उन्होंने इसे फिलिप्स के लिए विकसित किया था।
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