भोपाल। 2023 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मध्य प्रदेश में हुए निकाय और अब पंचायत चुनाव में भाजपा ने परचम लहराया है। मध्य प्रदेश के 51 जिलों में से 41 पर भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष तो 10 पर कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे डबल इंजन की सरकार की उपलब्धि बताया। उन्होंने प्रदेश की जनता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है। सीएम शिवराज ने कहा कि ये निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजे 2023 में भाजपा की प्रचंड जीत की अग्रसर करेंगे। प्रदेश में सबसे दिलचस्प मुकाबला भोपाल में रहा, जहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भाजपा नेताओं और पुलिस के साथ झड़प हुई। भोपाल में भी भाजपा ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है।
मंत्रियों और भाजपा नेताओं के रिश्तेदार जीते
कुछ जिलों में भाजपा नेताओं और मंत्रियों के रिश्तेदार अध्यक्ष चुने गए। पूर्व सीएम उमा भारती की बहू उमिता सिंह टीकमगढ़ जिला अध्यक्ष चुनी गईं। सागर में हीरा सिंह राजपूत निर्विरोध अध्यक्ष बने। हीरा सिंह मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई हैं। जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को अशोकनगर निर्विरोध जिपं अध्यक्ष चुना गया। जगन्नाथ पूर्व विधायक हैं। बड़वानी में बलवंत पटेल जिला अध्यक्ष चुने गए। बलवंत मंत्री प्रेम सिंह पटेल के बेटे हैं। भिंड में कामना सुनील सिंह निर्विरोध अध्यक्ष बनीं। कामना भाजपा नेता केपी सिंह की बहू हैं। कांग्रेस के सम्राट सारस्वत बालाघाट जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए। सम्राट कांग्रेस के पूर्व विधायक अशोक सारस्वत के बेटे हैं।
दलीय आधार पर नहीं होते पंचायत चुनाव
पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं। कांग्रेस और भाजपा अपने-अपने समर्थकों को अध्यक्ष पद पर बिठाना चाहती है। इसके लिए सदस्यों को हर तरीके से अपनी तरफ करने में दोनों ही पार्टियों के पदाधिकारी लगे हुए थे। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर जिला पंचायत के नवनिर्वाचित सदस्यों को पुलिस अगवा कर रही है। मध्य प्रदेश चुनाव आयोग क्यों अपनी आंखें बंद करे हुए है? श्योपुर, सीहोर अन्य जिलों के सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दिग्विजय सिंह की पुलिस से झूमाझटकी
भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। भोपाल जिला पंचायत में बीजेपी ने कांग्रेस समर्थित को अध्यक्ष बनवा दिया। भाजपा ने क्रॉस वोटिंग कराकर ऐन वक्त पर बाजी पलट दी। इस दौरान गहमागहमी का माहौल हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झूमाझटकी भी हुई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है।
जिला निर्वाचित
यहां जीते भाजपा समर्थक
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