इन्दौर। आरटीई (RTE) के तहत निजी स्कूलों (private schools) में पढऩे के लिए वंचित व कमजोर समूह के लोगों के बच्चों की लॉटरी (lottery) 15 जुलाई को खुली, लेकिन जिनकी लॉटरी खुली उनमें से कई पालकों को अपने बच्चों के लिए मनचाहा स्कूल (School)नहीं मिला या घर से स्कूल काफी दूर होने से अब स्कूल बदलवाने के लिए अधिकारियों से मांग कर रहे हैं।
शहर के बड़े व निजी स्कूलों में पढऩे के लिए इंदौर जिले में लगभग 14 हजार से ज्यादा लोगों ने अपने बच्चों के लिए आवेदन किया था, जिनमें से दस्तावेज सत्यापन के बाद 10848 आवेदनकर्ता पात्र पाए गए। इन्हीं में से 6708 लोगों की लॉटरी खुली थी, लेकिन अब जिन पात्र आवेदनकर्ताओं की लॉटरी खुली है, उन्हें मनचाहा स्कूल नहीं मिला है। उन्होंने पहले स्थान पर जिस स्कूल को चुना था वह नहीं मिला। कई लोगों को दूसरे व तीसरे स्थान पर लॉक किए गए स्कूल मिले हैं। ऐसे में मनचाहा स्कूल नहीं मिलने से कई लोग अपने बच्चों का एडमिशन नहीं करा रहे हैं। जिन लोगों की लॉटरी खुली है, उन्हें अपने घर से दूर का स्कूल मिला है, इसलिए भी ये लोग अब अधिकारियों से स्कूल बदलवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर यह संभव नहीं होता है। जिनकी लॉटरी खुली है, उन्हें 26 जुलाई तक संबंधित स्कूलों में प्रवेश लेना होगा। जिनकी लॉटरी नहीं खुली है, वे अब दूसरी चरण की लॉटरी का इंतजार कर रहे हैं।
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