भोपाल। प्रदेश के गैर राज्य प्रशासनिक सेवा(एनएएस) के अधिकारियों को बीते 6 साल से प्रमोट नहीं किया जा रहा है। इस कारण करीब 70 अधिकारी बनने का सपना लिए ही रिटायर हो गए। साथ ही 100 से ज्यादा अधिकारी इस कतार में हैं। इस बीच प्रदेश के राज्य प्रशासनिक सेवा के 19 अधिकारियों का चयन आईएएस संवर्ग में करने के लिए 27 फरवरी को विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। ये सभी पद वर्ष 2021 के हैं। अब सरकार इस प्रयास में है कि वर्ष 2022 के 14 पदों के लिए भी समिति की बैठक एक साथ हो जाए। इनमें छह पद आईएएस संवर्ग के पुनरीक्षण में प्राप्त हुए हैं। यदि केंद्र सरकार से अनुमति मिल जाती है तो गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी आईएएस बनने का मौका मिल सकता है।
बता दें कि दरअसल राज्य प्रशासनिक सेवा का 439 अधिकारियों का कैडर है। इसमें से 33 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का नियम है। इनमें से 15 प्रतिशत पद गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से भरने का भी नियम बनाया गया है। लेकिन 2015 के बाद से गैर राज्य प्रशासनिक सेवा का कोई अधिकारी आईएएस के पदों पर पदोन्नति नहीं हो सका है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से संबंधित विभागों से योग्य अधिकारियों के आवेदन ही नहीं मंगाए नहीं जा रहे हैं। ऐसे में अगर केंद्र सरकार वर्ष 2022 के 14 पदों के लिए अनुमति दे देती है तो एनएएस के अधिकारियों की लॉटरी लग सकती है और वे आईएएस बन सकते हैं।
2019 में भी तैयार हुआ था प्रस्ताव
प्रदेश में वर्ष 2016 से गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आईएएस नहीं बने हैं। आईएएस संवर्ग में चयन के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के साथ गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को मौका दिया जाता है। 2016 में चार गैर प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अवसर मिला था। कमल नाथ सरकार ने वर्ष 2019 में चार पद देने का प्रस्ताव तैयार किया था लेकिन यह केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया। इसके बाद से केवल राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ही मौका मिल रहा है। इसको लेकर बार-बार मांग उठाने पर यही तर्क दिया जाता है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं, इसलिए अन्य संवर्ग के अधिकारियों के नामों पर विचार ही नहीं किया जा रहा है। जबकि, पूर्व मुख्य सचिव केएस शर्मा का कहना है कि दूसरी सेवाओं के अधिकारियों को भी पर्याप्त अनुभव रहता है, जिसका सरकार को लाभ उठाना चाहिए।
अनुमति के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2021 के लिए 19 पदों के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाम प्रस्तावित किए जा चुके हैं। वर्ष 2022 के लिए आठ पद अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने के कारण उपलब्ध हैं तो छह अतिरिक्त पद संवर्ग पुनरीक्षण में मिले हैं। यदि केंद्र सरकार इन पदों पर चयन की अनुमति दे देती है तो फिर एक साथ विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक कराने का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेज दिया जाएगा। अभी केंद्र सरकार से अनुमति प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
6 साल से पदोन्नति का इंतजार
मप्र में गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पिछले 6 साल से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। इसका कारण नियम होने के बावजूद सरकार की तरफ से उनके आवेदन नहीं मंगाए जाना बताया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने कहा कि नियम है, लेकिन सरकार तय करेगी कि किस कैडर से कितने पद भरने हैं। अधिकारियों का कहना है कि नियमानुसार गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से 15 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने चाहिए। लेकिन यह भी लिखा गया है कि यह सरकार पर निर्भर करेगा। उनका कहना है कि इससे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के पदोन्नति के पद कम हो जाते हैं। सरकार बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारी को प्रमोशन देने के लिए इस नियम का उपयोग करती है। गैर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को आईएएस के पदों पर पदोन्नत करने के लिए आयु सीमा 56 साल निर्धारित है। ऐसे में लंबे समय से आवेदन नहीं मंगाने से कई योग्य अधिकारी आयु सीमा पूरी करने से अयोग्य हो गए हैं।
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