इंदौर (Indore)। प्राधिकरण (authority) की एक तरह से लॉटरी ही लगी है और एक हजार करोड़ से अधिक की बेशकीमती जमीन (valuable land) उसे सुप्रीम कोर्ट में मिली जीत से हासिल हो गई है। बुरहानी गृह निर्माण संस्था (Burhani Housing Society) मुख्य याचिकाकर्ता था, उसके साथ अन्य जमीन मालिकों ने भी याचिकाएं दायर कर रखी थी और एक साथ 34 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और हाईकोर्ट के आदेश को पलट भी दिया, जिसमें जमीन योजना से मुक्त कर दी गई थी। मगर अब सुप्रीम कोर्ट में मिली जीत के बाद प्राधिकरण इन जमीनों का कब्जा लेगा और भूखंडों का विक्रय करेगा, क्योंकि ये जमीनें एबी रोड. रिंग रोड से लगी हुई है, जहां पर किसी भी तरह के नए विकास कार्यों की भी आवश्यकता नहीं है। सिर्फ भूखंड काटकर बेचना ही है।
कुछ समय पूर्व सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने नए भू-अर्जन अधिनियम की धारा 24 (2) की भी स्पष्ट व्याख्या कर दी थी, जिसके चलते योजना 140 सहित कई महत्वपूर्ण जमीनें और भूखंड प्राधिकरण को मिल गए और मद्दे सहित तमाम भूमाफियाओं के मंसूबे भी धरे रह गए। वहीं कल एक और बड़ी जीत प्राधिकरण को अपनी वर्षों पुरानी योजना 97 पार्ट-4 के मामले में भी मिली, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए प्राधिकरण के पक्ष में फैसला दिया। यह जमीन बिजलपुर, हुकमाखेड़ी में मौजूद है। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा और सीईओ आरपी अहिरवार का कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट से जीतने के बाद प्राधिकरण फटाफट कब्जे की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस योजना में शामिल 85.43 हेक्टेयर यानी 200 एकड़ से भी अधिक जमीन प्राधिकरण को मिली है और ये जमीन प्राधिकरण की योजना 97 पार्ट-4 में शामिल रही है।
इसमें जमीन का एक बड़ा हिस्सा आईपीएस स्कूल के सामने की तरफ मौजूद है। यानी एबी रोड से लगी हुई ये जमीन है। वहीं अन्य जमीनें रिंग रोड पर मौजूद है। दोनों ही जमीनें चूंकि रोड पर ही मौजूद है और उसमें सिटी पार्क के साथ-साथ आवासीय-व्यवसायिक भूखंडों को तैयार करवाकर प्राधिकरण टेंडर से बेचेगा तो उसे एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की आमदनी हो जाएगी और अध्यक्ष श्री चावड़ा के मुताबिक यह राशि शहर के विकास में ही इस्तेमाल होना है। अभी प्राधिकरण अधिकांश व्यस्त चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण तो करवा ही रहा है, साथ ही एमआर सहित मास्टर प्लान की प्रमुख सडक़ों का निर्माण भी किया जाएगा। इसके अलावा स्टार्टअप पार्क, कन्वेंशन सेंटर जैसे बड़े प्रोजेक्टों पर भी प्राधिकरण इन दिनों काम कर रहा है। वहीं इस सुप्रीम कोर्ट फैसले के बाद बुरहानी गृह निर्माण संस्था को तो जहां 20 एकड़ से अधिक का नुकसान हुआ ही, वहीं कई जमीनी जादूगरों को भी फटका लगा है। प्राधिकरण फटाफट कब्जा लेकर भूखंडों की विक्रय की प्रक्रिया शुरू दे, ताकि अन्य कोई कानूनी दांव-पेंच न हो। वहीं प्राधिकरण के नवागत उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला ने भी प्राधिकरण के पक्ष हुए इस फैसले को अच्छा बताते हुए कहा कि शहर विकास के लिए धन राशि की कोई कमी नहीं रहेगी।
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