भोपाल। प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए विशेष रियायत देने की नतीजे महीने भर में नजर आ रहे हैं। बीते एक माह में दो दर्जन से उद्योग, व्यावसाय संचालन के लिए मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास आवेदन पहुंचे इसमें अधिकांश को मंजूरी भी दे दी गई। सिर्फ यही नहीं शासन ने आवेदन शुल्क भी 90 फीसदी कम कर दिया है। जिसका लाभ कई उद्योग लगाने वाले उठा रहे हैं।
ज्ञात हो कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने विगत 19 जनवरी को उद्योग, इकाइयों और संस्थानों पर जल सम्मति हेतु प्रस्तुत आवेदन शुल्क में भारी कमी कर दी थी। सिर्फ यही नहीं कार्रवाही के लिए 30 दिन का समय नियत किया गया। इस बीच आवेदकों भी उत्सुकता जाहिर करते हुए आवेदन किया। जनवरी माह में ही 20 से ज्यादा आवेदन को मंजूर किया गया। प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि वाट्सअप पर भी कई आवेदकों से संवाद कर दस्तावेजों की कमी दूर कर उन्हें स्वीकृति दिलवाई गई है।
ये शुल्क में कमी
एक करोड़ रुपए से कम निवेश वाले उद्योग पर कुल प्रोजेक्ट का 0.04 फीसदी अधिकतम शुल्क तीन हजार रुपये होंगे। एक करोड़ रुपये से ज्यादा तथा 10 करोड़ रुपये तक विनिधान के लिए यह 0.03 फीसदी अथवा अधिकतम 15 हजार रुपये शुल्क होंगे। 10 करोड़ रुपये से ज्यादा 50 करोड़ रुपये तक के लिए 0.02 फीसदी जो अधिकतम 50 हजार रुपये और 50 करोड़ रुपये से अधिक वाले उद्योग के लिए 0.01 फीसदी जो अधिकतम शुल्क 50 लाख रुपये देय होंगे। उक्त शुल्क में जल एवं सम्मति हेतु पृथक राशि देय होगी।
सालाना मंजूरी के अस्पताल,नर्सिंग होम को राहत
अस्पताल, क्लीनिक, नर्सिंग होम्स से निकलने वाले जीव चिकित्सा अपशिष्ठ को लेकर सालाना आवेदन करना होता है। इसका शुल्क भी कम हो गया है। क्लीनिक पैथलाजी,ब्लड बैंक और नान बेड वाले सस्थानों को एक हजार रुपये में आजीवन अनुमति मिलेगी। 10-25 बिस्तर तक के अस्पताल को एक हजार रुपये प्रतिवर्ष, 25 बिस्तर से ज्यादा वाले अस्पताल एक हजार रुपये तथा प्रति बिस्तर 100 रुपये प्रतिवर्ष देय होगा। वहीं खतरनाक अपशिष्ठ की अनुमति के लिए एक करोड़ रुपये के सूक्ष्म उद्योग के लिए पांच हजार रुपये, एक करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक वाले लघु उद्योग के लिए 10 हजार रुपये, 10 करोड़ रुपये से 50 करोड़ रुपये वाले मध्यम श्रेणी के उद्योग 20 हजार रुपये तथा 50 करोड़ से अधिक वाले वृहद उद्योग के लिए 30 हजार रुपये पांच वर्ष के लिए शुल्क तय किया गया है।
31 मार्च तक करे आवेदन
प्रदूषण बोर्ड ने उद्योगों को राहत देते हुए 31 मार्च तक संचालित उद्योग और संस्थानों को स्वप्रमाणित इकाई संचालन का आवेदन देने पर स्वीकृति देने की सुविधा भी दी हुई है। इस अवधि के पश्चात बोर्ड की तरफ से जांच अभियान चलाया जाएगा। जो भी संस्थान बिना अनुमति के नर्सिंग होम,पैथोलाजी अथवा उद्योग संचालित करते मिलेंगे उनके खिलाफ नोटिस की कार्रवाही की जाएगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved