नई दिल्ली (New Delhi)। भाजपा नेतृत्व (BJP leadership) तीनों राज्यों (three states) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के मद्देनजर सामाजिक-राजनीतिक समीकरण (socio-political equation) के लिहाज से सरकार की रूपरेखा तय करना चाहता है। सरकार के जरिये पार्टी की कोशिश इन राज्यों में हर प्रभावशाली वर्ग को साधने की है। इसी के सहारे नेतृत्व विपक्षी गठबंधन के ओबीसी कार्ड (OBC card of opposition alliance) की काट के साथ अपनी दूसरी मुश्किलों को हल करना चाहता है।
पार्टी नेतृत्व की मंशा है कि तीनों ही राज्यों में ऐसी सरकार बने, जिसमें आदिवासी, ओबीसी, महिला व युवा वर्ग को वरीयता दिए जाने का संदेश जाए। खासकर महिला मतदाताओं का पूरी तरह साथ बना रहे। इसके लिए नतीजों के बाद से ही कई स्तर पर विमर्श जारी हैं। आखिरी फैसले से पहले क्षेत्रीय, सामाजिक, प्रशासनिक दक्षता व संगठन की भूमिका का आकलन होगा।
मुलाकातों का दौर
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नेताओं का केंद्रीय नेतृत्व से भेंट का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। नरेंद्र तोमर और बाबा बालकनाथ ने गृह मंत्री अमित शाह से जहां भेंट की, वहीं रेणुका सिंह और वसुंधरा राजे ने जेपी नड्डा से मुलाकात की। चूंकि सरकार की रूपरेखा तैयार नहीं हुई, इसलिए नतीजे के चौथे दिन भी पार्टी न तो पर्यवेक्षक तय कर पाई और न ही विधायक दल की बैठक की ही तारीख तय हो पाई है। माना जा रहा है कि इसी सप्ताह आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
आज घोषित हो सकते हैं पर्यवेक्षक
भाजपा सूत्रों ने बताया कि तीनों राज्यों में विधायकों की राय जानने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की घोषणा शुक्रवार को हो सकती है। मुख्यमंत्रियों के नामों का एलान सप्ताह के अंत तक होने की उम्मीद है। पर्यवेक्षक राज्यों के दौरे में विधायकों से एक-एक कर मुलाकात करेंगे।
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