उज्जैन (Ujjain)। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (World famous Shri Mahakaleshwar Temple) में आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मंगलवार तड़के भस्म आरती (Bhasma Aarti) के दौरान सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल (Lord Mahakal) का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया।
इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट व धारण करवाया गया। आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि व मंगलवार के संयोग पर भस्मआरती में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का श्री कृष्ण स्वरूप में श्रृंगार (Makeup in the form of Shri Krishna.) किया गया। इस दौरान वैष्णव तिलक और मोर पंख के साथ रुद्राक्ष की माला पहनाकर श्रृंगार किया गया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
बाबा के भक्त ने चांदी का छत्र दान दिया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में सागर की शिवाय बिल्डर्स एन्ड डेवलपर्स फर्म द्वारा संजय पुजारी (टोनी गुरु) की प्रेरणा से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को 1 नग चांदी का छत्र भेंट किया गया। जिनका कुल वजन 2112.800 ग्राम है। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रभारी अधिकारी दर्शन व्यवस्था राकेश श्रीवास्तव द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया जाकर विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के कोठार शाखा के कोठारी मनीष पांचाल द्वारा दी गई।
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