नई दिल्ली। भगवान शिव (Lord Shiva) के अवतार और काशी के कोतवाल भगवान काल भरैव (Lord Kaal Bhairav) अपने भक्तों के समस्त कष्ट दूर (removes all the troubles of the devotees) कर देते हैं। भगवान काल भैरव की सच्चे मन से उपासना करने से भक्तों का हर भय दूर हो जाता है। हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान काल भैरव की पूजा, उपासना की जाती है। यह मासिक कालाष्टमी व्रत (Monthly Kalashtami Vrat) हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है।
भगवान शिव के अवतार बाबा काल भरैव महाकाल स्वरूप में उज्जैन में विराजमान हैं तो वहीं, काशी में काल भैरव वहां के कोतवाल हैं। कालाष्टमी के दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ आसान से उपाय किए जा सकते हैं। मासिक कालाष्टमी व्रत में भगवान कालभैरव की सच्चे मन से उपासना करें।
गृहस्थ को भगवान भैरव के बटुक भैरव स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पवित्र स्थान पर आसन लगाकर भगवान भैरव को विराजमान करें और उपवास का संकल्प लें। पूरे स्थान पर गंगाजल छिड़के।
पूजा में काले चने और सरसों के तेल का प्रसाद चढ़ाया जाता है। शिव चालीसा और भैरव चालीसा का पाठ करें। भैरव मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा के बाद काले कुत्ते को दूध या मिठाई खिलाएं। कालाष्टमी के दिन शमी का पौधा लगाएं और उसकी सेवा करें। भगवान काल भैरव की उपासना से अनजाने भय से मुक्ति प्राप्त होती है।
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