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    145 किलो के रजत रथ पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

  • July 06, 2024

    • कल शहर का मध्य क्षेत्र रहेगा धर्ममय , लाव-लश्कर के साथ धूमधाम से निकलेगी रथयात्रा

    इंदौर। कल शहर के मध्य क्षेत्र का माहौल धर्ममय रहेगा। देश की तीसरी सबसे बड़ी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा छत्रीबाग स्थित लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान से परंपरागत स्वरूप में लाव-लश्कर के साथ धूमधाम शाम 4 बजे निकलेगी, वहीं इस्कान मंदिर की रथयात्रा दोपहर 2 बजे विद्याधाम से निकलेगी। सनातन संस्कृति की परंपरागत व सम्पूर्ण मनोरथों को पूर्ण करने वाली गौरवशाली रथयात्रा के नगर भ्रमण की जोरदार तैयारियां की गई हैं। मंदिर के पंकज तोतला ने बताया कि यात्रा नागोरिया पीठाधीश स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्य के सान्निध्य में निकलेगी। प्रभु वेंकटेश रजत रथ पर आरूढ़ होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। 145 किलो के रजत रथ को अनेक श्रद्धालु भारतीय वेशभूषा धारण कर हाथों से खींचते हुए चलेंगे। प्रभु के आगे महिला दल उनकी अगवानी में मार्ग को साफ करते हुए चलेगा। रथ यात्रा में विभिन्न झांकियों के माध्यम से प्रभु भक्ति, गो माता, मां अहिल्याबाई का 300वां वर्ष, हरियाली, जल संरक्षण, व दक्षिण भारत के वाद्य यंत्रों की झलक नजर आएगी। पूरे यात्रा मार्ग में सैकड़ों मंचों से रथ पर फूल बरसाए जाएंगे।

    इस्कान की यात्रा में विदेशी संत आकर्षक का केंद्र रहेंगे, फूलों से सजे 51 फीट ऊंचे रथ पर सवार होंगे जगन्नाथ

    इस्कॉन की परंपरागत जगन्नाथ रथयात्रा कल दोपहर 2 बजे से श्रीविद्याधाम मंदिर से पूरे उत्साह के निकलेगी। यात्रा के लिए फूलों से सजा 51 फीट ऊंचे हाईड्रोलिक रथ तैयार किया गया है। इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास, रथयात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल एवं किशोर गोयल ने बताया कि यात्रा मार्ग साफ करने के लिए स्वर्ण झाडुओं का उपयोग होगा। देश-विदेश के अनेक संत एवं श्रद्धालु भी हरे रामा हरे कृष्णा के जयघोष के बीच रथयात्रा में शामिल नजर आएंगे। भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के विग्रह तीन रथ में विराजित किए जाएंगे। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव एवं समाजसेवी विनोद अग्रवाल भी अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। रथयात्रा बड़ा गणपति, टोरी कार्नर, गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी, जहां महाआरती होगी।


    कभी लकड़ी के रथ पर निकलती थी रथयात्रा
    रथयात्रा की शुरुआत लकड़ी के रथ पर की गई थी। फिर धीरे-धीरे रथ का स्वरूप बदलता गया और अब भगवान वेंकटेश चांदी के लकदक रथ पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलते हैं। कल यात्रा नृसिंह बाजार, सीतला माता बाजार, गोराकुंड, शकर बाजार, बड़ा सराफा, पीपली बाजार, बर्तन बाार , बजाज खाना, सांठा बाजार होकर मंदिर पर समाप्त होगी।

    इंदौर में 1948 से निकल रही है यात्रा
    लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग से निकली रथयात्रा इस बार 76 बरस की हो रही है। भगवान वेंकटेश की रथयात्रा की शुरुआत इंदौर के 50 भक्तों ने 1948 में की थी। धीरे धीरे करावा बड़ता गया और आज इंदौर की यह रथयात्रा देश की तीसरी सबसे बड़ी रथयात्रा में शुमार है। रथयात्रा में शामिल होने प्रदेश भर के भक्त इंदौर आते हैं।

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