कोटा। आपने आज तक सुना होगा कि मौसम परिवर्तन(weather change) के साथ ही घरों में लोग बीमार (Sick) पड़ जाते हैं, जिन्हें इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। लेकिन आपसे यह कहा जाए कि मंदिर में मौजूद भगवान भी बीमार हो चुके हैं, जिनका इलाज भी वैद्यजी के द्वारा किया जा रहा है, तो आपको भी यह सुनकर आश्चर्य होगा। भगवान के बीमार होने का कारण भी आम रस (mango juice) है, जिसका सेवन करने से भगवान(God) का स्वास्थ्य बिगड़ा है। जी हां! यह बिलकुल सच है और ये हुआ है कोटा में।
मंदिर पुजारी कमलेश दुबे ने बताया कि पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद 200 किलो आम के रस का सेवन करने से मंदिर में भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए हैं। जिसका इलाज वैद्यजी के द्वारा किया जा रहा है। साथ ही भगवान जब थक जाते हैं तो उन्हें आराम की सख्त जरूरत होती है। इस दौरान इनकी बच्चों की तरह सेवा करनी पड़ती है। पुजारी का कहना है कि ये सब परंपरा का हिस्सा है। सामान्य वर्ष में भगवान जगन्नाथ के शयनकाल का समय 15 दिन का रहता है। उन्होंने बताया इसी माह में आधा घंटे के लिए भगवान के सिंहद्वार में विराजित दर्शन देंगे। जिसके बाद मंदिर में हवन और शुद्धिकरण किया जाएगा।
सालों पुराना मंदिर, सालों से चली आ रही परंपरा
पुजारी कमलेश दुबे का कहना है कि यह मंदिर करीब 350 साल पुराना रियासत कालीन है। दरअसल हाड़ौती के लोग आर्थिक स्थिति की वजह से हजारों किलोमीटर दूर जगन्नाथ पुरी मंदिर में दर्शन करने नहीं जा पाते। इसलिए उस समय के राजा पूरी से ही भगवान की प्रतिमा लेकर कोटा आए थे और उसकी रामपुरा में स्थापना कर दी। तभी से यह परंपरा निभाई जाती है। कमलेश दुबे का कहना है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कभी भी पूरी जाने की कमी महसूस नहीं होती है।
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