उज्जैन। शहर में तकरीबन साढ़े 4 हजार से अधिक ई रिक्शा चल रहे हैं। इन सभी ई-रिक्शाओं पर यातायात पुलिस द्वारा यूनिक कोड लगाने का काम 18 दिसंबर से नानाखेड़ा स्थित यातायात थाने पर शुरू कर दिया गया था। 10 दिन बाद भी यहां यूनिक कोड के लिए लंबी कतारें नजर आ रही है। तब से लेकर अभी तक 1 हजार से अधिक ई रिक्शा को यूनिक कोड दिए जा चुके है।
उल्लेखनीय है कि महाकाल लोक शुभारंभ के बाद से शहर में लाखों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु महाकाल दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए कई लोगों ने ई-रिक्शा खरीद कर अपना कारोबार शुरू कर दिया है। अक्सर शिकायत मिलती है कि ई-रिक्शा चालकों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता की जाती है। इसके अलावा संभावित आपराधिक गतिविधि को रोकने के लिए यातायात पुलिस ने सख्त कदम उठाया है। ई-रिक्शा चालकों की पहचान के लिए यातायात पुलिस ने सभी ई-रिक्शा में यूनिक कोड लेना अनिवार्य किया है। 18 दिसंबर से शहर में चल रहे 4 हजार 500 से अधिक ई-रिक्शा पर यूनिक कोड लगाने का काम नानाखेड़ा स्थित यातायात पुलिस थाने पर किया जा रहा है। इधर इस अभियान को शुरु हुए 10 दिन हो गए है। बावजूद इसके यातायात थाना परिसर में यूनिक कोड के लिए आवेदन लेकर पहुंच रहे ई-रिक्शा चालकों की लंबी कतारें नजर आ रही है। सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक आवेदन लिए जा रहे हैं।
करीब डेढ़ माह चलेगा अभियान
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 दिन से यह अभियान चल रहा है और रोजाना औसतन 80 से 100 ई-रिक्शा वाहनों के यूनिक नंबर जारी किए जा रहे हैं। इतने समय में 1 हजार से अधिक यूनिक कोड जारी कर दिए गए है। अभी भी करीब साढ़े 3 हजार ई-रिक्शा के यूनिक नंबर जारी होना बाकी है। यह अभियान पूरा होने में करीब डेढ़ महीना लग सकता है।
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