नई दिल्ली: प्राइमरी मार्केट में साल 2023 के दौरान भी काफी एक्शन देखने को मिलेगा. 50 से ज्यादा कंपनियां इस साल इश्यू लाने की कतार में लगी हुई हैं. इससे साफ है कि नए साल में भी निवेशकों को कमाई के कई मौके मिलने जा रहे हैं. ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार सेबी से 54 कंपनियों को अपने इश्यू लाने के लिए मंजूरी मिल चुकी है. और ये कंपनियां मिलकर बाजार से 84 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम जुटाने जा रही हैं. साल 2022 में करीब 40 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए बाजार से 59 हजार करोड़ रुपये जुटाए थे. बीता साल आईपीओ मार्केट में मिला जुला रहा है.
कई कंपनियों में निवेशकों ने जमकर कमाई की वहीं, कई इश्यू से निवेशक निराश भी हुए हैं. प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों और जानकारियों को हवाला देते हुए रिपोर्ट में संकेत दिए गए हैं कि साल 2023 में आईपीओ की कतार में लगने वाली कंपनियों की संख्या 50 से कहीं अधिक हो सकती है क्योंकिं 33 कंपनियां अभी भी सेबी से मंजूरी का इंतजार कर रही हैं. ये 33 कंपनियां बाजार से 57 हजार करोड़ रुपये उठाने की कोशिश में हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 87 कंपनियों जिसमें 54 को मंजूरी मिल चुकी है और 33 मंजूरी का इंतजार कर रही है, 8 कंपनियां न्यू-एज टेक कंपनियां है. ये नए दौर की कंपनियां बाजार से करीब 29 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती हैं. जिन कंपनियों के पास सेबी के द्वारा इश्यू लाने की मंजूरी है उसमें स्नैपडील, यात्रा ऑनलाइन, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक, यथार्थ हॉस्पिटल, ड्रूम टेक्नोलॉजी, बीबा फैशन, फैब इंडिया जैसे नाम शामिल हैं.
साल 2022 में 38 कंपनियां बाजार में लिस्ट हुई थीं. इसमें से 24 कंपनियों में शुरुआती निवेशक मुनाफे में चल रहे हैं यानि इसमें मौजूदा बाजार भाव इश्यू प्राइस से ऊपर बना हुआ है. सबसे ऊंचा रिटर्न अडानी विल्मर में मिला है. स्टॉक फरवरी में लिस्ट हुआ था. अब तक इसमें निवेशकों का पैसा 140 प्रतिशत बढ़ गया है. वहीं हरिओम पाइम और वीनस पाइप्स में भी एक साल के अंदर निवेशकों को 100 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न मिला है. वहीं प्रूडेंट एडवाइजर, वेदांत फैशंस, बीकाजी फूड्स और कैंपस एक्टिववेयर में निवेशकों को 40 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न मिला है.
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