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गयाकोठा और सिद्धवट पर आज सुबह से लगी लंबी लाईनें, बाहर से भी पहुँचे लोग

October 01, 2024

  • आज श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी…सुबह 4 बजे से ही लग गई थी लाईन-अव्यवस्था भी दिखाई दी

उज्जैन। आज श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी पर मंगलवार सुबह गयाकोठा तीर्थ और सिद्धवट पर दूध अर्पित करने के लिए लंबी कतारें लगी नजर आई। इस दौरान लोगों ने अपने पूर्वजों की आत्म शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म किया। अंकपात चौराहा स्थित गयाकोठा का महत्व बिहार के गया तीर्थ के समान माना गया है। वहीं सिध्दवट और रामघाट क्षेत्र में भी तर्पण पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही थी।



उल्लेखनीय है कि 16 दिवसीय श्राद्ध पक्ष के चलते आज मंगलवार को चतुर्दशी होने से धार्मिक नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सिद्धनाथ घाट स्थित भगवान सिद्धवट पर आज सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। दूध अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें दिनभर लगी रहेंगी। दूध अर्पित करने के लिए लोगों को दो घंटे तक इंतजार करना पड़ा। इसके साथ ही यहां पर हजारों लोगों ने पूर्वजों की आत्मशांति के लिए तर्पण, श्राद्धकर्म भी किया। शिप्रा तट स्थित सिद्धवट पर भी भगवान को दूध अर्पित करने के लिए हजारों लोग पहुंचे। यहां पर मेला लग गया। सुबह 5 बजे से ही भगवान सिद्धवट को दूध अर्पित करने के लिए लोग पहुंचने लगे थे। यहां पर पंडितों ने तर्पण, पिंडदान और श्राद्धकर्म करवाया। कहा जाता है कि अंकपात स्थित गयाकोठा का महत्व भी बिहार में स्थित गयाजी तीर्थ के समान माना गया है।

बाहर से भी बड़ी संख्या में पूजन करने आग लोग
चतुर्दशी पर आज तड़के से ही गयाकोठा तीर्थ पर श्रध्दालुओं की लंबी कतारें लगने लगी थी। सुबह इंद्रानगर पहुंच मार्ग से लेकर गयाकोठा मंदिर के सामने तक लोगों की लाईनें लगी नजर आ रही थी और उन्हें मंदिर तक पहुंचने में लगभग 2 घंटे का समय लग रहा था। सिध्दवट पर भी श्रध्दालुओं की भगवान को दूध चढ़ाने के लिए मुख्य द्वार से लाईन शुरु हो गई थी और यहां भी बारी आने तक श्रध्दालुओं को समय लग रहा था। रामघाट पर भी आज लोग अपने पूर्वजों का श्राध्द और तर्पण करने पहुंचे। इससे पहले लोगों ने सिध्दवट घाट और रामघाट पर स्नान भी किया। गयाकोठा तीर्थ पर भी टेंट लगाकर श्राध्दकर्म हेतु आने वाले श्रध्दालुओं के बैठने की पंडितों द्वारा व्यवस्था की गई थी।

कल मनेगी सर्वपितृ अमावस्या
आज श्राध्द पक्ष की चतुर्दशी है और कल बुधवार को सर्वपितृ अमावस्या के श्राध्द के साथ सोलह दिवसीय श्राध्द पक्ष का समापन हो जाएगा ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या पर उन सभी पूर्वजों का श्राध्द कर्म किया जाता है जिन्हें किसी कारणवश सोलह श्राध्द के दौरान निर्धारित तिथी पर याद नहीं किया गया हो। सर्वपितृ अमावस्या को लोग अपने पूर्वजों के निमित्त श्राध्द और तर्पण करा सकते हैं। कल सर्वपितृ अमावस्या पर घर-घर में पकवान बनेंगे और लोग अपने-अपने पूर्वजों को धूप देकर भोजन पानी अर्पित करेंगे। इस दौरान ब्राह्मण भोज के भी घरों में आयोजन होंगे।

सर्वप्रथम पंडितों ने किया दुग्धाभिषेक
आज मंगलवार को चतुर्दशी पर प्रात: 4 बजे से भगवान सिद्धवट मंदिर के पट खोले गए। सर्वप्रथम सिद्धवट मंदिर के समस्त पुजारी मंडली द्वारा समस्त भक्तों के पूर्वजों की आत्म शांति व जनकल्याण एवं सृष्टि कल्याण के लिए भगवान सिद्धवट के पूजन अर्चन के पश्चात मंदिर प्रशासन द्वारा रखे गए निर्धारित पात्र में दूध अर्पित कर भगवान सिद्धवट का दुग्ध अभिषेक किया। उसके पश्चात श्रद्धालुओं द्वारा अपने पूर्वजों की आत्म शांति के लिए दुग्ध अभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ जो भगवान की शयन आरती आज रात 9 बजे तक चलेगा।

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