लंदन (London)। लंदन में भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission in London) के बाहर 30-40 खालिस्तानी समर्थकों (40 Khalistanis gathered) के इकट्ठा होने की खबर है। मामला स्थानीय समयानुसार दोपहर 12.30 से 2.30 के बीच का है। मौके पर यूनाइटेड किंगडम पुलिस (united kingdom police) भी पहुंच गई। हालांकि, कुछ देर बाद खालिस्तान समर्थकों ने जगह को खाली कर दिया और वहां से भाग निकले। मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं, बल्कि अगल-अलग देशों में खालिस्तानी समर्थक भारतीय उच्चायोग को निशाना बना रहे हैं।
खालिस्तान समर्थक रैली में बहुत कम लोग हुए शामिल
लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तानी समर्थक समूहों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन में बहुत कम लोग शामिल हुए। रैली में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. शशांक विक्रम की तस्वीरों के साथ हिंसा भड़काने वाले विवादास्पद पोस्टरों का इस्तेमाल किया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था और रैली बहुत जल्दी खत्म हो गई। इस सप्ताह की शुरुआत में, सोशल मीडिया पर खालिस्तानी चरमपंथियों के भारत विरोधी पोस्टर सामने आने के बाद ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की था कि लंदन में भारतीय उच्चायोग पर कोई भी सीधा हमला अस्वीकार्य है।
राजनयिक परिसरों के बाहर भारत विरोधी तत्वों के दुस्साहस और लंदन में भारतीय राजनयिकों को मिल रही धमकियों के बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने लंदन में भारतीय राजनयिकों को धमकियां मिलने का मुद्दा उठाया है, लेकिन ब्रिटेन के अधिकारी मामले को सिर्फ इसी तरह से देख रहे हैं जैसे कोई सामान्य घटना कहीं किसी जगह हो जाती है। इसकी गंभीरता और इसके पीछे के मकसद पर गौर किया जाना बहुत जरूरी है।
सैन फ्रांसिस्को में बढ़ाई गई भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा
वहीं, आठ जुलाई को प्रस्तावित खालिस्तान समर्थक रैली के मद्देनजर सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दूतावास के बाहर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि दो जुलाई को खालिस्तान समर्थकों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था। वहीं, वॉशिंगटन डीसी में भी भारतीय दूतावास के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई। अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने दूतावास पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
भारत ने जताया था कड़ा एतराज
इससे पहले गुरुवार को अरिंदम बागची ने कहा था कि हमारे राजनयिक परिसर में हिंसा अस्वीकार्य है। हमारे राजनयिकों को धमकाने और पोस्टरबाजी जैसी घटनाओं को भी गंभीरता से ले रहे हैं। हम ऐसी घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निज्जर की हत्या के बाद बढ़ा दुस्साहस
विदेशों में ऐसी घटनाएं जून में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद बढ़ गईं हैं। वह भारत में वांछित था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा की थी। निज्जर की हत्या के बाद से खालिस्तानी कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय राजनयिकों को निशाना बना रहे हैं।
अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक बढ़ीं घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास में काउंसिल जनरल डॉ. टीवी नागेंद्र प्रसाद को धमकी दी गई थी और पोस्टरों के जरिए निशाना बनाया गया था। इससे पहले खालिस्तान समर्थकों ने ऑस्ट्रेलिया में भारतीय राजनयिकों को धमकी दी थी। ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा और मेलबर्न में भारत के महावाणिज्य दूतावास के काउंसिल जनरल सुशील कुमार को भी धमकियां मिली थीं।
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