सिरोंज। रिश्वतखोरी के मामले में फंसे शिक्षा विभाग के बीआरसी पर लोकायुक्त का शिकंजा कसता जा रहा है। लोकायुक्त के 6 सदस्यीय दल ने बीआरसी को 15 हजार रिश्वत लेते हुए शाम को 7:00 बजे रंगे हाथ गिरफ्तार किया और लगभग रात्रि 10:00 बजे तक बीआरसी कार्यालय में टीम ने जांच पड़ताल कर दस्तावेज खंगाले। इसके बाद लोकायुक्त की टीम फरियादी व बीआरसी नरेश रघुवंशी एवं बीएसी राकेश सोनी को साथ में लेकर बीआरसी के घर पहुंची जहां रात्रि 11:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक जांच पड़ताल कर महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने साथ ले गई है। शिकायतकर्ता आदित्य विद्या विहार स्कूल के संचालक राकेश शर्मा ने बताया कि बीआरसी नरेश रघुवंशी एवं बीएसी राकेश सोनी दोनों ही मिलजुल कर कई वर्षों से इस भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। मुझसे बीआरसी ने रिश्वत मांगी थी इसके बाद मुझे बीएसी राकेश सोनी का फोन आया जिसमें उसने कहा कि आ जाओ साहब आ गए हैं हिसाब किताब कर लो। क्योंकि मैंने पूर्व से ही लोकायुक्त को सूचना दे रखी थी इसलिए टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों दबोच लिया। वही शर्मा ने मांग की है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होना चाहिए। लोकायुक्त टीम की छापामार कार्यवाही की सूचना जैसे ही नगर में फैली हड़कंप मच गया विभागीय अधिकारियों में ख्वाब देखने लायक था कई ने तो मोबाइल बंद कर लिए तो कई अधिकारी तो बीआरसी कार्यालय के आस पास जाने से भी डरते देखे गए।
राकेश सोनी ही करता था लेनदेन
शिकायतकर्ता राकेश शर्मा ने बताया कि बीएसी राकेश सोनी ही लोगों को बुलाता था और पैसे बीआरसी को दिलवाता था, लेन-देन का यह खेल कई वर्षों से चला आ रहा है जो आज जाकर खत्म हुआ। ज्ञात हो कि बीएसी राकेश सोनी बीआरसी का करीबी माना जाता है और दोनों अधिकांश समय एक साथ दिखाई पड़ते हैं। एक निजी स्कूल संचालक ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया है कि यह मामला आज का नहीं है बरसों से यह परंपरा चली आ रही है इस बीआरसी ने तो हद ही कर दी स्व सहायता समूह, निजी स्कूलों की मान्यता, आरटीई के पैसे, विद्यालय प्रभारी या अन्य योजनाओं में शासन द्वारा मिलने वाली राशि की बंदरबांट लगातार की जा रही थी।
नेताओं का संरक्षण है प्राप्त
ज्ञात हो कि पूर्व में कमलनाथ सरकार के आते ही बीआरसी को पद से पृथक कर दिया गया था और नए बीआरसी की पद स्थापना हुई थी लेकिन बीआरसी नरेश रघुवंशी राजनीतिक पावरफुल होने की वजह से उस समय भी अपने पद से बच गया था और यही कारण है कि उसके हौसले लगातार बुलंद होते गए और आज रंगे हाथों धर दबोचा गया।
क्या है पूरा मामला
जनपद शिक्षा केन्द्र सिरोंज के बीआरसी को लोकायुक्त ने 15 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी ने निजी स्कूल के संचालक से आरटीई में दाखिल बच्चों की फीस की राशि निकलवाने के लिए 25 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। दरअसल राकेश शर्मा पिता जगदीश शर्मा सिरोंज में एक प्राइवेट स्कूल का संचालन करते हैं। उन्होंने 12 सिंतबर को भोपाल लोकायुक्त के पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि पिछले दो सत्र की आरटीई में दाखिल बच्चों की फीस लगभग चार लाख रुपए निकलवाने के लिए सिरोंज के बीआरसी नरेश रघुवंशी 25 हजार रुपए मांग रहे हैं। जिसके बाद लोकायुक्त ने आवेदन का सत्यापन कराया और बीआरसी को रंगे हाथ पकडऩे के लिए जाल बिछाया। जैसे ही बीआरसी पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपए ले रहा था, उसी दौरान भोपाल लोकायुक्त की टीम वहां पहुंच गई और विकासखण्ड स्रोत समन्वयक को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई से अन्य अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इस मामले एक और कर्मचारी बीएसी राकेश सोनी पर भी लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की है।
पूर्व में भी कई योजनाओं में भ्रष्टाचार के लग चुके हैं आरोप
सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं में भी बीआरसी नरेश रघुवंशी पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं कुछ माह पूर्व किचन गार्डन घोटाला खूब सुर्खियों में आया था लेकिन राजनीतिक संरक्षण होने के कारण अधिकारियों ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, इसके अलावा खेल सामग्री के रूप में विद्यालय में बच्चों को खेलने के लिए फिसल पट्टी, झूला व अन्य सामग्री वितरण की गई थी लेकिन यह कुछ ही विद्यालयों तक पहुंच पाई, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें भी बड़े स्तर पर गोलमाल किया गया है। कोविड-19 में सूखा राशन वितरण में भी अनियमितता पाई गई थी यदि इन सभी मामलों में जांच होती है तो बड़ा खुलासा हो सकता है।
बीआरसी व बीएसी दोनों के घर में चली जांच
जानकारी के अनुसार लोकायुक्त की टीम ने रात्रि में बीआरसी के घर व तीन अधिकारियों टीम ने बीएसी राकेश सोनी के घर पर भी कार्यवाही की है, जो सुबह लगभग 5:00 बजे तक चली सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लोकायुक्त की टीम को अन्य मामलों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं जिन्हें जांच टीम अपने साथ लेकर गई है। जांच के बाद और भी कई मामले सामने आ सकते हैं।
इनका कहना है
विगत दिनों पूर्व मैंने लोकायुक्त भोपाल में लिखित शिकायत की थी जिसके बाद उनके कहे अनुसार मैंने बीआरसी व बीएसी को राशि देने पहुंचा था और यह सारा घटनाक्रम हो गया यह खेल कई वर्षों से चला आ रहा है ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
राकेश शर्मा, शिकायतकर्ता
इनका कहना है
लोकायुक्त टीम की निरीक्षक मयूरी मैडम ने मुझे फोन लगा कर बुलाया था, बीआरसी कार्यालय में चली कार्रवाई तक में वहीं पर मौजूद था इसके बाद टीम के द्वारा नरेश रघुवंशी व राकेश सोनी के घर पर भी कार्रवाई के लिए हमें ले जाया गया लेकिन हमने जाने से मना कर दिया और हम कार्रवाई के दौरान सुबह 5:00 बजे तक घर के बाहर ही बैठे रहे। –
एस.एस. विशेन, बीईओ
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