भोपाल। प्रदेश में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दो प्रमुख एजेंसी लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू हैं। दोनों एजेंसियों को लेकर यह चर्चा रहती है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। बड़े अफसरों पर दोनों एजेंसी कार्रवाई नहीं करती हैं, लेकिन लोकायुक्त ने पिछले एक हफ्ते के भीतर प्रदेश के आला अफसरों पर जो कार्रवाई की है। उससे भ्रष्ट नौकरशाहों में हड़कंप मचा हुआ है। प्रदेश में लंबे समय बाद भ्रष्टाचारियों में लोकायुक्त का खौफ दिखाई दे रहा है। हालांकि ईओडब्ल्यू की कार्यप्रणाली में कोई बदलाव नहीं दिखा है। ह
लोकायुक्त ने विशेष क्षेत्र प्राधिकरण ग्वालियर के तत्कालीन अध्यक्ष राकेश जादौन और सीईओ तरुण भटनागर (आईएएस) के खिलाफ मास्टर प्लान में छेड़छाड़ कर सरकार को 1 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचाने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। तरुण भटनागर फिलहाल निवाड़ी जिले के कलेक्टर हैं। इससे पहले लोकायुक्त मंदसौर में उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को सिंचाई का नकली सामान सप्लाई करने में भ्रष्टाचार को लेकर आईएफएस अधिकारी सत्यानंद समेत 15 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।
इतना ही नहीं मध्य प्रदेश सरकार के सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट महाकाल लोक के निर्माण में भी लोकायुक्त को प्रारंभिक तौर पर भ्रष्टाचार नजर आया है। हालांकि इस मामले में अभी लोकायुक्त ने किसी भी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की है, लेकिन इस मामले में 3 आईएएस समेत एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। जिन आईएएस अधिकारियों को लोकायुक्त ने महाकाल लोक के निर्माण में हुई अनियमितता के मामले में नोटिस जारी किया है। उनमें उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह, स्मार्ट सिटी उज्जैन के तत्कालीन सीईओ क्षितिज सिंह एवं नगर निगम उज्जैन के तत्कालीन कमिश्नर अंशुल गुप्ता भी शामिल है।
आगे बड़े नेता और अफसरों पर भी होगी कार्रवाई!
मध्यप्रदेश में लोकायुक्त जिस तरह से भ्रष्टाचार के मामले में अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर केस दर्ज कर रहा है, उससे लगता है कि निकट भविष्य में यह कार्रवाई और तेज होगी। संभवत: भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे नेताओं पर भी एफआईआर हो सकती है। जिसमे कुछ मंत्री एवं पूर्व मंत्रियों मंत्रियों के खिलाफ भी लोकायुक्त में जांच चल रही है। साथ ही शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त संगठन में सालों से जांच लंबित है। यदि इसी तरीके से लोकायुक्त में कार्रवाई चलती रही तो संभव है निकट भविष्य में बड़े नामों पर भी एफआईआर दर्ज हो सकती है।
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