भोपाल (Bhopal)। मध्यप्रदेश लोकायुक्त (Madhya Pradesh Lokayukta) ने एक जमीन से जुड़े मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) मध्यप्रदेश कैडर के अधिकारी श्री इच्छित गढ़पाले (desired stronghold) और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नूर सिंह बघेल (Noor Singh Baghel) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है, हालांकि इक्षित गढ़पाले वर्तमान में मुरैना जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं, लेकिन उन पर एफआईआर दर्ज की गई है।
दरअसल, सरकारी जमीन का मामला है और इस जमीन को एक ठेकेदार को आवंटित कर दी गई थी। जिसकी शिकायत लोकायुक्त की गई थी और जांच के बाद आरोप सिद्ध हो चुका है। नजूल की जिस जमीन का उपयोग सार्वजनिक प्रयोजन के लिए किया जाना था। उसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। इस मामले में अधिकारियों के बाद अब समिति में शामिल बाकी लोगों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है। जमीन से जुड़ा अब तक का ये सबसे बड़ा घोटाला है।
भोपाल जिला जेल के पीछे स्थित नजूल की जमीन नगर निगम को सार्वजनिक उपयोग के लिए प्रदान की गई थी, लेकिन अधिकारी इस जमीन पर पीपीपी मोड से व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण करवा रहे थे। इसकी एवज में निगम को महज 10 करोड़ रुपये दिए जा रहे थे।
तात्कालिक नगर निगम आयुक्त इच्छित गढ़पाले वर्तमान में जिला पंचायत सीईओ मुरैना के पद पर पदस्थ हैं। वहीं, तात्कालिक मुख्य कार्यपालन यंत्री एनएस बघेल रिटायर्ड हो चुके हैं। इस मामले में उन अफसरों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है, जो उस समय सीटीसीएल में सदस्य के रूप में शामिल थे। इसमें पुलिस और प्रशासन के आला अफसरों पर भी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
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