उज्जैन। महाकाल लोक में कल भोपाल से आई लोकायुक्त की टीम ने मूर्तियों की गुणवत्ता जाँचने के लिए दो मूर्तियों को खंडित कर दिया। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इन दो मूर्तियों को भी पुन: वापस निर्माण कर लगाया जाएगा या खंडित ही लगी रहेंगी। उज्जैन महाकाल लोक में आंधी तूफान से टूटी सप्त ऋषियों की मूर्तियों के मामले में महाकाल लोक की सभी मूर्तियों की जाँच के लिए भोपाल से लोकायुक्त की टीम कल महाकाल लोक पहुँची थी ओर टीम ने अपनी जाँच की। भोपाल से टीम के साथ कुछ उच्च स्तर के अधिकारी भी उज्जैन पहुँचे थे। भोपाल से आई टीम ने सप्त ऋषियों के पेडल स्टैंड पर चढ़कर जाँच की और सभी मूर्तियों की गुणवत्ता की भी जाँच की। सप्त ऋषियों की मूर्तियों के टूटने के मामले में कांग्रेस शुरू से भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है और आंदोलन को लेकर मुखर है। मामले को लेकर लोकायुक्त भोपाल ने स्वयं मामला संज्ञान में लिया था लेकिन कल जाँच करने पहुँची टीम ने महाकाल लोक की दो बड़ी मूर्तियों को पीछे से काटकर खंडित कर खड़ी मूर्ति का परीक्षण किया। एक तरह से वह दोनों बड़ी मूर्तियाँ खंडित हो गई। मूर्तियों में बड़ा होल करने के बाद उसे वापस बंद किया गया। अब सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कह चूके हैं कि खंडित मूर्तियों को महाकाल लोक में नहीं स्थापित किया जाएगा तो क्या यह दो मूर्ति भी अब पुन: नई बनाई जाएगी। टीम के साथ उज्जैन स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी थे।
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