नई दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) में भारी विरोध के बाद कांग्रेस के चार सांसदों को निलंबित (Four Congress MPs suspended) कर दिया गया है। इन सांसदों को पूरे सत्र के लिए लोकसभा से निलंबित किया गया है। निलंबित कांग्रेस सांसदों (Suspended Congress MPs) में मनिकम टैगोर, जोथिमणि, राम्या हरिदास और टीएन प्रतापन हैं। सांसद महंगाई को लेकर सदन के अंदर तख्तियों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पहले पीठासीन सभापति (presiding chairman) ने उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर वे विरोध करना चाहते हैं तो सदन के अंदर मर्यादा को बनाए रखें व तख्तियों के साथ विरोध करना है तो संसद के बाहर करें।
लोकसभा अध्यक्ष (speaker) ने विपक्षी सांसदों को चेतावनी हुए कहा था कि वह दोपहर 3 बजे के बाद महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सदन के अंदर किसी भी विरोध को बर्दाश्त नहीं करेंगे। स्पीकर ने कहा, “अगर आप तख्तियां दिखाना चाहते हैं, तो सदन के बाहर ऐसा प्रदर्शन करें। मैं चर्चा के लिए तैयार हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मेरी दयालुता मेरी कमजोरी है।” बाद में उन्होंने कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदन में आसन के प्राधिकारों की उपेक्षा करने के मामले में कांग्रेस सदस्यों मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, जोतिमणि और राम्या हरिदास को संसद के मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए सभा की सेवा से निलंबित करने की घोषणा की। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रस्ताव रखा कि इन चार सदस्यों के सदन की गरिमा के प्रतिकूल आचरण को देखते हुए इन्हें चालू सत्र की शेष अवधि के लिए कार्यवाही से निलंबित किया जाए।
इससे पहले पीठासीन सभापति अग्रवाल ने कहा कि कुछ सदस्य निरंतर तख्तियां आसन के सामने दिखा रहे हैं जो सदन की मर्यादा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने भी इस संबंध में सदस्यों को चेतावनी दी थी। अग्रवाल ने कहा कि आसन के पास इन सदस्यों के नाम लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सदस्य कृपया इस चेतावनी का ध्यान रखें और किसी तरह की तख्ती नहीं दिखाएं।
इसके बाद उन्होंने कहा, ‘‘मैं नियम 374 के तहत हठ पूर्वक और जानबूझकर लगातार सभा की कार्यवाही में बाधा डालकर अध्यक्षीय पीठ के प्राधिकार की उपेक्षा करने और सभा के नियमों का दुरुपयोग करने के लिए आप सभी का नाम लेता हूं।’’ अग्रवाल ने इसके बाद कांग्रेस के चारों सदस्यों को सदन की कार्यवाही से निलंबित किये जाने की घोषणा की।
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