नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने हाल ही में संसद भवन परिसर (Parliament House Complex) का निरीक्षण (Supervision) किया और देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी उपायों और अन्य तैयारियों का जायजा लिया। बिरला ने संसद के संबंधित अधिकारियों को कोरोना से बचाव के लिए सभी एहतियाती उपाय करने, चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करने और कोविड जांच को सुचारू रखने का निर्देश दिया। शील का शीतकालीन सत्र उसी में आयोजित होगा।
आपको बता दें कि स्पीकर के तौर पर ओम बिड़ला ने 19 जून को अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से कहा कि पिछले 3 साल कई मायनों में चुनौतीपूर्ण रहे हैं, उसके वाबजूद कामकाज की दृष्टि से संसद सत्र की उत्पादकता पहले से बहुत अच्छी रही। ओम बिड़ला का कहना है कि कोरोना महामारी ने हमें कई बातें सिखाई हैं. हमने सत्र चलाने के लिए कई तरीके निकाले, सुरक्षा, प्रोटोकॉल और कामकाज के बीच जबरदस्त सामंजस्य बनाया।
उन्होंने कहा कि इस दौरान सांसदों से भी खूब सहयोग मिला। ओम बिड़ला ने कहा कि हमने सभी सांसदों को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया, जिसके परिणाम बहुत सकारात्मक निकला। आलम यह है कि अब तक चली 17वीं लोकसभा में 106% कामकाज हुआ और इस दौरान सरकार-विपक्ष दोनों का सहयोग मिला।
ओम बिरला ने कहा कि संसद सदस्यों के संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन को सुगम बनाने के लिए संसद के बजट सत्र के लिए आवश्यक व्यवस्था की जा रही है। साठ वर्ष से अधिक आयु के सांसदों का विशेष ध्यान रखा जाएगा और उनकी आवश्यकताओं को सक्रिय रूप से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि आधिकारिक दिशानिर्देशों के अनुसार सभी स्थानों पर स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाएं सुचारू हों। बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संसद के कोविड पॉजिटिव अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
दूसरी ओर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘देश के सामने कोरोना की चुनौती थी, उस कठिन समय में सदस्यों को जनप्रतिनिधि की भूमिका निभानी थी. सबका सहयोग मिला. कोविड की चुनौती के बीच देर रात तक सत्र चला। इस दौरान लोकसभा की उत्पादकता 167 फीसदी रही. संसद सदस्यों ने अपना दायित्व निभाया. लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों के प्रति विश्वास बढ़ा. हमारे सामूहिक संकल्प की ताकत दुनिया ने देखी. न्यूज 18 के जरिए सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं।’
ओम बिड़ला ने कहा कि सदनों की गिरती मर्यादा चिंता का विषय है। संसद भवन चर्चा और संवाद का केंद्र है। सदन नारेबाजी के लिए नहीं है, बल्कि देश का कानून बनाने के लिए है. सदन प्रमुख मुद्दों पर वाद-विवाद के लिए है, समस्याओं के सामूहिक समाधान के लिए है. जब कामकाज चलता है तो सरकार को दिशा तय करने में मदद मिलती है।
वहीं लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, आप रिकॉर्ड देख लें, विपक्षी नेताओं को जितना समय तय किया जाता है, उससे ज्यादा ज्यादा समय उन्हें दिया गया है। मेरा मानना है कि सदन में सभी का मत आना जरूरी है. लोकतंत्र में सभी जनप्रतिनिधियों के विचार अहम हैं। संख्याबल नहीं, अच्छे सुझाव पर अमल किया जाता है।
ओम बिड़ला ने कहा, 17 वीं लोकसभा में 995 घंटे चर्चा हुई. 14, 15 और 16 वीं लोकसभा से ज्यादा चर्चा हुई। हमें इस बात की खुशी है कि देर रात तक सदस्यों ने संसद में चर्चा की। कोरोना की वजह से कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से सत्र छोटा रहा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved