नई दिल्ली । नए संसद भवन की छत टपकने का मुद्दा उठाने की (To raise the issue of Leaking Roof of the New Parliament Building) कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर की मांग (Congress MP Manickam Tagore’s Demand) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने खारिज कर दी (Rejected) ।
सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही के समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारत यात्रा पर आए और उस समय सदन के विशेष बॉक्स में बैठे हुए जापानी संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। इसके बाद कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने अपने द्वारा दिए गए स्थगन प्रस्ताव का हवाला देते हुए इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मणिकम टैगोर की मांग को खारिज करते हुए कहा कि वे सभी सांसदों को आगाह करते हैं और भविष्य के लिए भी यह बताते हैं कि नियम और प्रक्रियाओं के तहत भी और कई बार बुलेटिन जारी कर भी यह बताया जाता है कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र से जुड़े मसले पर नोटिस नहीं लिया जाता। उन्होंने सांसदों से इसका भविष्य में ध्यान रखने को भी कहा। आपको बता दें कि, मणिकम टैगोर ने नए संसद भवन की छत टपकने का एक वीडियो शेयर करते हुए एक्स पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “बाहर पेपर लीक,अंदर पानी लीक।” उन्होंने अपने पोस्ट में नए संसद भवन की इमारत की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाया।
भारतीय संसद के मानसून सत्र के दौरान एक अप्रत्याशित घटना सामने आई जब संसद की छत से पानी टपकने लगा। इस घटना ने सदन की कार्यवाही को प्रभावित किया और सदस्यों में नाराजगी उत्पन्न कर दी।यह घटना संसद के सेंट्रल हॉल में हुई, जहां मानसूनी बारिश के चलते छत से पानी टपकने लगा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी संसद की छत से पानी टपकने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने कहा इस नई संसद से अच्छी तो वो पुरानी संसद थी, जहाँ पुराने सांसद भी आकर मिल सकते थे। क्यों न फिर से पुरानी संसद चलें, कम-से-कम तब तक के लिए, जब तक अरबों रुपयों से बनी संसद में पानी टपकने का कार्यक्रम चल रहा है। जनता पूछ रही है कि भाजपा सरकार में बनी हर नई छत से पानी टपकना, उनकी सोच-समझकर बनायी गयी डिज़ाइन का हिस्सा होता है या फिर ।
आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा है कि अंदर संसद लीक हो रही है और बाहर पेपर लीक हो रहा है। एक्सप्रेस वे बह रहे हैं, पुल टूट रहे हैं। अटल सेतू में दरार आ रही है, संसद भवन के अंदर जिन कंपनियों ने काम किया उन्होंने भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कितना चंदा दिया इसकी जांच होनी चाहिए. 3.2 लाख करोड़ का ठेका उनको दिया गया जिन्होंने इनको चंदा दिया।
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