नई दिल्ली. अदाणी समूह (Adani Group) पर लगे आरोपों और संभल हिंसा (sambhal hinsa) समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) का पहला हफ्ता हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। हालांकि, मंगलवार को सातवें दिन कार्यवाही हुई। इस दौरान, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने लोकसभा (Lok Sabha) में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी’ (मनरेगा) योजना के तहत बजट आवंटन का दुरुपयोग किया गया तथा ‘अपात्र’ लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध किया गया है।
पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव किया जा रहा: कल्याण बनर्जी
मनरेगा पर एक सवाल के दौरान पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भिड़ गए। दरअसल कल्याण बनर्जी ने अपने सवाल में आरोप लगाया कि 2022-23 में बंगाल को केंद्र की तरफ से कोई पैसा नहीं मिला। बनर्जी ने कहा कि केंद्र दलील दे रही है कि इस योजना में गैरकानूनी काम हुए हैं, क्या गैरकानूनी काम हुए हैं? बनर्जी के सवाल का जवाब देने के लिए उठे शिवराज चौहान ने कहा कि मनरेगा की राशि निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए होती है। अगर ये राशि निश्चित उद्देश्य की पूर्ति में नहीं जा सकती है तो इसे रोका जा सकता है।
शिवराज चौहान बोले- बंगाल में पात्र लोगों को अपात्र बनाया
मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ निश्चित लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध पश्चिम बंगाल में किया गया। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़े कामों को छोटा करके कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध किया है। इस योजना के तहत अपात्र लोगों को पात्र बनाया गया और पात्र लोगों को अपात्र बनाया गया, यह साबित हो चुका है। ग्रामीण विकास योजनाओं के नाम बदले गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम बदलकर अपना नाम रखने का अपराध किया है। इसी योजना के तहत भी अपात्र लोगों को लाभ दिया गया और पात्र लोगों को छोड़ दिया गया। यह राशि दुरुपयोग के लिए नहीं है, यह अपात्र लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की। जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’, लेकिन हम राशि का दुरुपयोग नहीं होने देंगे। मोदी जी कहते हैं कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा।’
धन के आवंटन की कमी की बात गलत: पेम्मासानी
उनके जवाब के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने टोकाटोकी की। मनरेगा से जुड़े कुछ पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि धन के आवंटन की कमी की बात गलत है तथा मानदेय कम होने की बात भी गलत है क्योंकि इसका निर्धारण महंगाई से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के बजट में हर साल 10-20 हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई।
अबुआ आवास योजना में मनरेगा का फंड जाने का आरोप
मनरेगा के तहत वेतन बांटने की चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘मनरेगा निधियां श्रम घटक के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना में जाती हैं और मेरे विचार से शायद भारत सरकार ने इसकी अनुमति दी है। क्या मनरेगा का फंड राज्य सरकार की योजना अबुआ आवास योजना में जाता है, क्या श्रम घटक में इसकी अनुमति है? यदि इसकी अनुमति नहीं है, तो आपने क्या कार्रवाई की है? मैं मंत्री (शिवराज सिंह चौहान) से यह पूछना चाहता हूं।’
अगर ऐसा है तो करेंगे जांच: चौहान
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘मनरेगा का पैसा मजदूरों को मजदूरी देने के लिए है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी उस परिवार के सदस्य को मजदूरी दी जा सकती है, जिसका घर बन रहा है। अगर यह पैसा अबुआ आवास योजना में जाता है, तो हम इसकी जांच करेंगे और अगर इसका दुरुपयोग किया गया है, तो हम इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved