• img-fluid

    एमपी की इस लोकसभा सीट की है रोचक कहानी, वसुंधरा अपने ही गढ़ में पहला चुनाव हारी, फिर दो बार बनी CM

  • March 26, 2024

    भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की भिंड दतिया लोकसभा सीट (Bhind Datia Lok Sabha seat) बीजेपी (BJP) का गढ़ मानी जाती है. क्योंकि, इस सीट पर बीजेपी सिर्फ एक ही चुनाव हारी है. इस सीट पर लगातार 35 वर्षों से बीजेपी का कब्जा है. आज आपको इस सीट से जुड़ी रोचक कहानी बताते हैं. इस सीट पर चुनाव लड़ने वाली राजघराने की एक महिला ऐसी भी थी जिसे यहां से तो हार का सामना करना पड़ा, लेकिन आगे जाकर वो बहुत बड़ी नेता बनी. वो न केवल बहुत बड़ी नेता बनी, बल्कि एक बड़े राज्य की दो बार मुख्यमंत्री (Chief Minister) भी रही.

    कमाल का यह इतिहास साल 1984 का है. उस वक्त मध्य प्रदेश में बीजेपी की संस्थापक राजमाता विजयाराजे सिंधिया का दबदबा चलता था. उनकी बेटी वसुंधरा राजे बीजेपी की तरफ से भिंड-दतिया लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने उतरीं. उनके सामने कांग्रेस ने दतिया के राजा कृष्णसिंह जूदेव को मैदान में उतारा. जनता दल से पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह चुनाव लड़ रहे थे. इस तरह यह मुकाबाल रोमांचक हो गया. इस त्रिकोणीय मुकाबले में सिंधिया राज घराने की बेटी वसुंधरा राजे को करारी हार का सामना करना पड़ा. पहले ही चुनाव में हार के बाद उन्होंने मध्य प्रदेश की राजनीति से तौबा कर ली थी. लेकिन, उन्होंने अपना संघर्ष जारी रखा. पार्टी ने उन्हें राजस्थान से मौका दिया.


    राजस्थान जाते ही वसुंधरा राजे की राजनीतिक जीवन पूरी तरह बदल गया. वे न केवल वहां की कद्दावर नेता बनीं, बल्कि दो बार मुख्यमंत्री भी रहीं. वसुंधरा राजे की इस करारी हार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने तर्क रखे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व विधायक सिंधिया समर्थक शिवशंकर समाधिया ने वसुंधरा राजे की हार को लेकर कहा कि साल 1984 में वसुंधरा राजे बीजेपी से चुनाव लड़ीं. उस समय माधवराव सिंधिया उनके भाई कांग्रेस में थे. उन्होंने उस समय अपनी बहन के विरोध में प्रचार किया. चूंकि, वसुंधरा की शादी राजस्थान में हो चुकी थी. इसलिए जनता ने इस संसदीय सीट पर अपना विश्वास माधवराव सिंधिया पर प्रकट किया. उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने और मोदी लहर का फायदा वर्तमान सांसद बीजेपी प्रत्याशी संध्या राय को होगा.

    कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने इस सीट पर बीजेपी की सत्ता की वजह बताई. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्म भूमि ग्वालियर थी. इस वजह से भिंड और दतिया के लोगों का उनसे सीधा संपर्क बना रहा. इसलिए बीजेपी यहां से चुनाव जीतती रही. वर्तमान परिवेश में सरकारें मतदाताओं को प्रलोभन दे रही है. इसका लाभ भी बीजेपी को मिल रहा है. लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदाताओं को स्वतंत्र होकर मतदान करने का अधिकार है.

    बता दें, इस बार कांग्रेस ने मजबूत प्रत्याशी फूल सिंह बरैया को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. वह स्थानी नेता हैं. उनकी कार्यकर्ताओं में मजबूत पकड़ है. इसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है. बीजेपी और कांग्रेस भले ही यहां से अपनी जीत का दावा कर रही हैं. लेकिन, जनता ने किसको विजय तिलक किया, यह वक्त ही बताएगा.

    Share:

    महुआ मोइत्रा को टक्‍कर देंगी बीजेपी की ये लेडी, शाही परिवार से रखती है तालुक

    Tue Mar 26 , 2024
    नई दिल्‍ली (New Delhi)। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में भाजपा (B J P)की नजर पश्चिम बंगाल (West Bengal)में भगवा झंडा (saffron flag)लहराने पर है। रविवार को भाजपा ने आम चुनाव (General election)को लेकर अपने उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी की। इसमें 111 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही पार्टी ने 402 उम्मीदवार चुनावी […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved