भोपाल: लोकसभा चुनाव (LokSabha Elections) के चारों चरणों का मतदान (Voting) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हो चुका है. प्रदेश की 29 सीटों पर मतदान के बाद जब अंतिम आंकड़े आए, तो राजनीतिक दलों (Political Parties) के साथ-साथ लोगों को निराशा हुई. प्रदेश में मतदान औसत 4.35 फीसदी घट गया. जबकि, इन्हीं 29 लोकसभा सीटों में आधा दर्जन वो सीटें भी हैं जहां पिछले तीन लोकसभा चुनावों से मतदान में इजाफा हुआ है. इस बार प्रदेश में चारों चरणों में औसत मतदान 66.77 प्रतिशत (Percentage) पर आकर रुक गया. यह, साल 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जहां मतदान बढ़ा उसके पीछे भी बड़ी वजह है. दरअसल, जब बड़े चेहरे चुनाव लड़ते हैं तो उनके पास ज्यादा संसाधन और ज्यादा कार्यकर्ता होते हैं.
हालांकि, महिलाओं ने वोट डालने में उदासीनता दिखाई है. बता दें, प्रदेश की हाइप्रोफाइल सीटों की तस्वीर इससे उलट रही. विदिशा, राजगढ़, गुना, ग्वालियर में मतदान बढ़ गया. सागर और भिंड लोकसभा में भी आंशिक, लेकिन मतदान बढ़ा. इस मामले में बीजेपी (BJP) का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में बड़े नेताओं का प्रभाव होने की वजह से भी ज्यादा मतदान हुआ है. बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां हमारी प्रत्याशी महिलाएं हैं. सागर और भिंड लोकसभा क्षेत्र में हमने महिलाओं को चुनावी मैदान में उतारा. इसलिए महिलाओं ने वहां बढ़ चढ़कर वोट दिया है. वहीं, कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि विदिशा, राजगढ़ में मतदान जरूर बढ़ा लेकिन बाकी कुछ सीटों पर मामूली इजाफा है.
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर मतदान घटा है. लेकिन, कुछ सीटें ऐसी हैं जहां मतदान बड़ा भी है. यहां बड़े नेताओं ने पूरी ताकत झोंकी. यहां बड़े चेहरों का प्रभाव भी है. और, ऐसे चेहरों को लोगों ने जिताने के लिए भी ज्यादा वोट डाला और हराने के लिए भी ज्यादा वोट डाला. बीजेपी ने हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन वो हर जगह सफल नहीं हो सकी. गौरतलब है कि जहां वोटिंग परसेंट बढ़ा है वहां पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे बड़े चेहरे चुनावी मैदान में हैं.
इन सीटों पर पिछले साल के मुकाबले कितनी बढ़ी वोटिंग
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