लखनऊ (Lucknow)। साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) को लेकर कांग्रेस (Congress) ने कमर कसनी शुरू कर दी है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी या प्रयागराज व फूलपुर से अथवा अन्य किसी सीट को चुनेंगी, इस पर मंथन शुरू हो गया है। पार्टी उनके लिए प्रदेश की पांच सीटों पर होमवर्क में जुटी है, हालांकि प्रदेश नेतृत्व की पहली प्राथमिकता वाराणसी है। ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधे चुनौती दी जा सके। दूसरी तरफ राहुल गांधी के अमेठी तो सोनिया गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू हो गई है।
अभी तक कांग्रेस के अंदरखाने में यह कयास लगाए जा रहे थे कि सोनिया गांधी खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव मैदान में नहीं उतरीं तो रायबरेली से प्रियंका गांधी मैदान में आ सकती हैं। इसी तरह अदालत के आदेश के चक्कर में अमेठी से राहुल गांधी के बजाय प्रियंका के मैदान में उतरने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन अब राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की तस्वीर साफ हो गई है। उनके अमेठी से चुनाव मैदान में उतरने की प्रबल संभावना है। दूसरी तरफ रायबरेली में सोनिया गांधी के चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू हो गई है। स्थानीय कार्यकर्ता बूथवार तैयारी में जुट गए हैं। वे सोनिया गांधी के नाम पर प्रचार भी शुरू कर दिए हैं। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस की परंपरागत सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारने के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि गांधी परिवार के सदस्यों का समाजवादी पार्टी दिल खोलकर समर्थन करेगी।
ऐसे में अब निगाहें प्रियंका गांधी पर टिकीं हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व प्रियंका गांधी के लिए प्रदेश की पांच सीटों पर होमवर्क कर रहा है। इसमें वाराणसी को पहले, फूलपुर को दूसरे और प्रयागराज को तीसरे स्थान पर रखा गया है। इन सीटों से कांग्रेस का गहरा नाता रहा है। फूलपुर से खुद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू तीन बार सांसद रहे हैं। 16 चुनाव में सिर्फ दो बार भाजपा को जीत मिली हैं। सात बार कांग्रेस, छह बार सपा, एक बार बसपा और दो बार जनता दल का कब्जा रहा है। इसी तरफ प्रयागराज में सात बार कांग्रेस सांसद रहे हैं। चार बार भाजपा काबिज रही।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि वह चाहते हैं कि प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ें। यहां का समीकरण माकूल है। यदि वह यहां से नहीं लड़ती हैं तो अन्य जिस भी सीट पर उनकी इच्छा होगी, वहां से चुनाव लड़ाया जाएगा। संगठन पूरी रणनीति से उन्हें न सिर्फ चुनाव लड़ाएगा बल्कि जीत दर्ज कराएगा। यह लोकसभा चुनाव कई तरह के अहम बदलाव का गवाह बनेगा।
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