नई दिल्ली (New Delhi) । हाई कोर्ट (High Court) के सात पूर्व न्यायाधीशों (Former Judges) ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) को एक खुला पत्र लिखकर (Writing letter) उनसे “स्थापित लोकतांत्रिक परंपरा” का पालन करने और 2024 के आम चुनावों में खंडित जनादेश आने की स्थिति में खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए सबसे बड़े चुनाव पूर्व गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का आग्रह किया है।
सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भारत के प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से भी आग्रह किया है कि अगर वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार जनादेश खो देती है, तो वे सत्ता का सुचारु हस्तांतरण सुनिश्चित करके संविधान को कायम रखें। खुले पत्र पर मद्रास हाई कोर्ट के छह पूर्व न्यायाधीशों जी. एम. अकबर अली, अरुणा जगदीसन, डी. हरिपरन्थमन, पी.आर. शिवकुमार, सी.टी. सेल्वम, एस. विमला और पटना हाई कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश के हस्ताक्षर हैं।
उन्होंने कहा कि यह “वास्तविक चिंता” है कि यदि वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार जनादेश खो देती है, तो सत्ता का हस्तांतरण सुचारू नहीं हो पाएगा और संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। पूर्व लोक सेवकों के ‘कॉन्स्टीट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप’ (सीसीजी) के 25 मई के खुले पत्र से सहमति जताते हुए पूर्व न्यायाधीशों ने कहा, “हम उपरोक्त बयान में परिकल्पित परिदृश्य से सहमत होने के लिए बाध्य हैं: “खंडित जनादेश की स्थिति में, भारत के राष्ट्रपति के कंधों पर भारी जिम्मेदारियां आ जाएंगी।”
इसमें कहा गया, “हमें पूरा भरोसा है कि वह पहले से स्थापित लोकतांत्रिक परंपरा का पालन करेंगी और सबसे अधिक सीटें जीतने वाले चुनाव-पूर्व गठबंधन को आमंत्रित करेंगी। साथ ही, वह खरीद-फरोख्त की संभावनाओं को भी रोकने का प्रयास करेंगी…।” पत्र में प्रधान न्यायाधीश और मुख्य निर्वाचन आयुक्त से ऐसी स्थिति में संविधान को कायम रखने और सत्ता का सुचारु हस्तांतरण सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
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