लखनऊ। भारत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब के अनुमोदन के तत्काल बाद उद्योगों को सुविधा प्रदान करने के लिए लॉजिस्टिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास करने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश सरकार ने लखनऊ में वेयरहाउसिंग इकाई की स्थापना के लिए राज्य की वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक नीति-2018 के अन्तर्गत् पहले निवेश प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान कर दिया है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित प्राधिकार प्राप्त समिति की संस्तुति पर औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने मेसर्स नानक लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के निवेश प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इस वेयरहाउसिंग इकाई को लखनऊ के सरोजनी नगर के भउकापुर गाँव में 86,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में लगभग 85 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित करने का प्रस्ताव है।
औद्योगिक विकास मंत्री का कहना है कि वेयरहाउसिंग सप्लाई चेन (आपूर्ति श्रृंखला) का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिससे केंद्रीकृत भंडारण सुविधा उपलब्ध होती है और विशेष रूप से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के लिए बेहतर इन्वेंट्री प्रबंधन के साथ औद्योगिक इकाइयों में निर्मित उत्पादों की सुगम पैकिंग, वितरण, और डिलीवरी सुनिश्चित होती है।”
अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आलोक कुमार ने बताया कि वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में निवेश के लिए राज्य सरकार को लगभग 438 करोड़ रुपये के छह प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें से अनुमोदित इकाई राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त करने वाली पहली परियोजना है।
श्री कुमार ने बताया कि राज्य सरकर ने लाॅजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा प्रदान करने के अतिरिक्त लॉजिस्टिक पार्कों के विकास हेतु पात्रता सीमा को 50 एकड़ से घटाकर 25 एकड़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि निर्धारित मापदंडों के आधार पर मूल्यांकन के निष्कर्षों के अनुसार उत्तर प्रदेश में ‘प्रतिस्पर्धी दरों पर लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में सुगमता’ तथा ‘लॉजिस्टिक्स अवस्थापना की गुणवत्ता’ के मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
भारत सरकार द्वारा हाल ही में अनुमोदत ग्रेटर नोएडा में प्रमुख लॉजिस्टिक परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए एकीकृत राज्यस्तरीय लाॅजिस्टिक्स योजना के विकास के लिए राज्य के नोडल अधिकारी, अपर मुख्य सचिव ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब और मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब के लगभग 3,884 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकास से एक लाख रोजगार के अवसरों के सृजन की संभावना के साथ ही ईस्टर्न एवं वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के माध्यम से माल के कुशल भंडारण और परिवहन की सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि दादरी में लॉजिस्टिक हब परियोजना को एक विश्वस्तरीय सुविधा के रूप में विकसित किया जाएगा जो फ्रेट कंपनियों और ग्राहकों को एक-स्टॉप गंतव्य प्रदान करेगी। इस परियोजना के विकास से न केवल उत्तम कंटेनर हैंडलिंग की सुविधा मिलेगी बल्कि परिचालन की बेहतर दक्षता के साथ लाॅजिस्टिक्स लागत को कम करने के लिए विभिन्न मूल्य-संवर्धित सेवाएं उपलब्ध होंगी।
अपर मुख्य सचिव के अनुसार यात्रियों की सुविधा के लिए बोराकी में रेल, सड़क और मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) के साथ मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना में अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल, लोकल बस टर्मिनल, मेट्रो, वाणिज्यिक, रिटेल और होटल सहित हरित स्थान भी होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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