निवाड़ी। ‘एक तो कोरोना पॉजिटिव ऊपर से पुलिस की सख्ती!’, कुछ इसी अंदाज में दर्द बयां कर रहे हैं, मध्य प्रदेश के निवाड़ी में रहने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज। यहां प्रशासन इस कदर सख्ती दिखाते हुए काम कर रहा है, जैसे व्यक्ति कोरोना के मरीज न होते हुए किसी जुर्म के अपराधी हो। यहां की जिला पुलिस ने संक्रमित मरीजों के घरों पर ताले लगवा दिया।
परिवार में एक भी संक्रमित तो घर पर ताला
कोरोना संक्रमित मरीज वैसे ही बीमारी से लड़ रहे हैं, उन्हें होम आइसोलेशन की पाबंदियों और दवाइयां लेकर खुद को जीवित रखना पड़ रहा है। ऐसे में निवाड़ी शहर से सामने आईं इन तस्वीरों के बाद प्रशासन की कार्रवाई सवालों के घेरे में है। यहां परिवार का एक भी सदस्य संक्रमित निकल रहा है तो उसके पूरे परिवार को घर में बंद कर दरवाजे को बाहर से ताला लगाया जा रहा है।
मीडियो को देख आनन-फानन में खुलवाए ताले
शहर में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी होने लगी, जिसके चलते वार्ड नंबर 5 और 6 में मरीजों के घरों पर ताला लगा दिया गया। मीडिया कर्मी जैसे ही मामले की पड़ताल करने पहुंचे, नगर परिषद कर्मचारियों ने आनन-फानन में घरों के ताले खुलवा दिए। ऐसी परिस्थिति में अगर मरीजों को कुछ हो जाए तो इस बात की जिम्मेदारी कौन लेगा ये तो प्रशासन ही जाने।
तहसीलदार ने कार्रवाई के पीछे दिया ये तर्क
संक्रमण की स्थिति में शासन और प्रशासन से अधिक सहयोग की जरूरत होती है, लेकिन निवाड़ी जिले में प्रशासन के इस सख्त रवैये ने मरीजों को और ज्यादा डरा कर रख दिया। मामले में जब तहसीलदार निकेत चौरसिया से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि लोग घरों से बाहर न निकले, इसीलिए प्रतीकात्मक रूप में यह कार्रवाई की गई। जिसे बाद में खोल दिया गया।
तहसीलदार ने बताया कि मरीजों के पड़ोसियों को जानकारी दे दी गई है, जैसे ही परिस्थियां संदिग्ध लगे, उन्हें तुरंत सूचना देने के लिए कह दिया गया है। जिन लोगों के घरों पर ताला लगाया गया, वे संक्रमित होते हुए लॉकडाउन व आइसोलेशन गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे। इसी कारण सख्त रूप अपनाना पड़ा।
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