लखनऊ: दरअसल जबसे लॉक डाउनलोड हुआ है तब से काफी लोग जहां थे वहीं फंस चुके हैं। उन्हें आने-जाने की कोई व्यवस्था नहीं मिल रही है और सारे देश ने अपने आप को पूरी तरह से बंद कर लिया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से खबर आ रही है एक खांसी परिवार वहां फंस गया है।
वह परिवार गांव के शिव मंदिर में रुका हुआ है इसके बाद वे लोग टूटी-फूटी भोजपुरी भी बोलने लगे हैं। उनके मुंह से टूटी-फूटी भोजपुरी सुनकर गांव के लोग भी हैरत में हैं कि आखिर विदेशी मेहमान भी उनकी माटी में घुल-मिल गए हैं। अब इस परिवार ने मंदिर परिसर में पौधरोपण शुरू कर दिया और गांव के लोगों को भी पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
फ्रांसीसी परिवार के सबसे छोटे सदस्य टाम पैलेरस इन दिनो गांव के बच्चों के साथ ज्यादा घुलमिल गए हैं. टाम कहते हैं कि गांव के बच्चे साइकिल पर बैठाकर घुमाते हैं, बेहद अच्छा लगता है। बच्चों के साथ खेलने में मजा आता है।
ओफली पैलेरस ने बताया कि वक्त बीतने के साथ ही लोगों का स्नेह ज्यादा मिल रहा है। ऐसा लगता है कि हम सभी अपने घर पर ही हैं। यहां के लोगों की भाषा में आत्मीयता दिखती है. पहले हम फ्रैंच के अलावा केवल अंग्रेजी बोलना जानते थे, लेकिन गांव की महिलाओं व बच्चों से बात करते-करते अब गांव की भाषा बोलना भी सीख गए हैं. अब तो गांव की भाषा बोलने में अपनापन ज्यादा दिखता है।
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