उज्जैन। शहर में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का स्थान पिछले 42 साल में 4 बार बदला जा चुका है। बावजूद इसके इस समस्या का स्थायी हल नहीं हो पा रहा। दो माह पहले विकास प्राधिकरण ने नीमनवासा में 100 हेक्टेयर के ट्रांसपोर्ट नगर बसाने का प्रस्ताव बनाया था। इस पर अभी भी काम शुरू नहीं हुआ है। पिछले करीब चार दशकों से शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी स्थायी ट्रांसपोर्ट नगर की मांग कर रहे हैं। बावजूद इसके अभी तक इसकी व्यवस्था संबंधित विभाग नहीं कर पाए हैं। इधर प्राधिकरण ने कुछ वर्ष पहले इंदौर रोड पर नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की प्लानिंग की थी, लेकिन नए मास्टर प्लान का प्रारूप आने के बाद इसका स्थान बदलना पड़ा। लेकिन अब प्राधिकरण ने नया ट्रांसपोर्ट नगर नीमनवासा में बनाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। बीते तीन दशकों में लगातार बढ़ती आबादी और बढ़ते शहर के दायरे के कारण पुराने स्थानों पर चल रहे ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों को सिंहस्थ 1980 से ही स्थायी स्थान नहीं मिलने के कारण इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। 1992 के सिंहस्थ में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को इंदौर गेट क्षेत्र से हटाकर गदा पुलिया के समीप स्थान दिया गया था। सिंहस्थ 2004 में भी इन्हें यहां से हटाया गया था।
वहीं सिंहस्थ 2016 में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को यहां से इंदौर-उज्जैन बायपास मार्ग स्थित सांवराखेड़ी ब्रिज के आसपास जगह दी गई थी। व्यवसायियों के अनुसार नगर निगम तभी से इसका शुल्क भी वसूल रहा था, परंतु साल 2020 में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई कर यहां व्यवसाय कर रहे 150 से अधिक ट्रांसपोर्ट और ऑटो पाट्र्स व्यवसायियों को सांवराखेड़ी ब्रिज क्षेत्र से कार्रवाई कर हटाया था। तब भी व्यवसायियों ने नगर निगम और जिला प्रशासन से स्थानी ट्रांसपोर्ट नगर उपलब्ध कराने की मांग की थी। मौके पर पहुंचे नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों ने भी तब उन्हें नगर निगम द्वारा प्रस्तावित विक्रम नगर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर का जल्द निर्माण कर शिफ्ट कराने का आश्वासन दिया था। इसे भी अब दो साल का समय गुजर गया। दो माह पहले विकास प्राधिकरण ने 10 हेक्टेयर के दायरे में नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। हालांकि इसमें अभी कोई प्रगति नहीं हुई है।
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