देहरादून । उत्तराखंड पुलिस के मेस से अब पहाड़ी व्यंजनों की महक आएगी। राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लोकल फॉर वोकल के आह्वान को आत्मसात करते हुए शानदार पहल की है। उन्होंने राज्य के सभी पुलिस मेस में सप्ताह में एक दिन पहाड़ी व्यंजन बनाने और परोसने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजन जहां स्वाद में भरपूर हैं, वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी माने जाते हैं। यहां की मंडवे की रोटी, कंडाली का साग, फाणू, डुबुक, गहत की दाल, काले भट्ट, झंगोरे की खीर ये कुछ ऐसे नाम हैं, जिनसे पहाड़ की खुशबू आती है। पहाड़ के इन्हीं उत्पादों को मंच देने की ऐसी ही शानदार कोशिश उत्तराखंड पुलिस द्वारा की जा रही है।
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने प्रदेश के सभी जनपद प्रभारियों एवं सेनानायकों को सर्कलुर जारी कर जनपद, इकाई, थाना/चैकियों एवं डिटैचमैन्ट पर चलने वाले भोजनालयों (मेस) में सप्ताह में एक बार उत्तराखंडी भोजन (गढ़वाली/कुमाऊंनी) बनाने के लिए निर्देशित किया है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि उत्तराखंड का पारंपरिक खानपान गुणवत्ता और स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभकारी माना गया है। इससे जहां एक ओर स्थानीय उत्पादनों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं उत्तराखंड पुलिस के जवानों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।
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