ताइपे। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच आज ताइवान में स्थानीय निकायों के चुनाव हो रहे हैं। इनके जरिए ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन चीन व दुनिया को अहम संदेश दे रही हैं। चीन इससे और भड़क सकता है।
ताइवान-चीन के संबंध ऐतिहासिक संकट व तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। इस बीच, आज ताइवान के लोग स्थानीय चुनावों के लिए मतदान कर रहे हैं। आज ही शाम तक इनके नतीजे भी आ जाएंगे। इन चुनावों के जरिए ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन चीन से बढ़ती शत्रुता के बीच दुनिया को अपने देश के लोकतंत्र की रक्षा के दृढ़ संकल्प का संदेश भेज रही हैं। इन चुनावों के जरिए ताइवानी शहरों के महापौर, काउंटी प्रमुख और पार्षद चुने जाएंगे। ये घरेलू मुद्दों पर ही आधारित हैं, इनका चीन से कोई सीधा संबंध नहीं है।
2018 में जीती थी विपक्षी केएमटी पार्टी
इससे पहले 2018 में हुए स्थानीय निकायों के चुनाव में ताइवान की मुख्य विपक्षी पार्टी कुओमिंतांग या केएमटी KMT ने जीत हासिल की थी। केएमटी ने त्साई और डीपीपी पर चीन के साथ टकराव बढ़ाने का आरोप लगाया है। केएमटी चीन के साथ घनिष्ठ रिश्तों के पक्ष में है, लेकिन बीजिंग समर्थक होने से इनकार करती है।
अगस्त में चरम पर पहुंच गया था तनाव
राष्ट्रपति त्साई का कहना है कि दुनिया देख रही है कि ताइवान चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने देश में लोकतंत्र की किस तरह रक्षा कर रहा है। चीन इस द्वीप देश को अपना प्रांत मानता है। अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की हालिया ताइवान यात्रा के बाद चीन व ताइवान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। चीन ने इसे लेकर ताइवान की खाड़ी में उग्र सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था।
2024 में होंगे ताइवान में संसदीय चुनाव
ताइवान में स्थानीय निकायों के चुनाव चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं बैठक के एक महीने बाद हो रहे हैं। सीपीसी की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अभूतपूर्व ढंग से राष्ट्रपति बतौर तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगवाई है। ताइवान के इन चुनावों के नतीजे विपक्षी केएमटी और सत्तारूढ़ डीपीपी दोनों दलों के लिए अहम हैं, क्योंकि 2024 में देश के अगले राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव होने वाले हैं।
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