नई दिल्ली । अयोध्या आंदोलन में अग्रिम भूमिका निभाने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर के शिलान्यास को ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि यह उनके लिए ही नहीं बल्कि सभी भारतवासियों के लिए भावुकता का क्षण है।
राम मंदिर शिलान्यास को लेकर आडवाणी ने कहा कि एक बड़े सपने को साकार होने में बहुत समय लगता है लेकिन यह जब साकार होता है तो लगता है कि हमारा इंतजार व्यर्थ नहीं गया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उनके हृदय के नजदीक ऐसा ही स्वप्न था जो साकार होने जा रहा है। प्रधानमंत्री राम मंदिर की स्थापना करने जा रहे हैं। यह न केवल मेरे लिए बल्कि सभी भीरतीयों के लिए एतिहासिक और भावुक दिन है। उन्होंने कहा, श्रीराम का भारत की सांस्कृतिक और सभ्यता की विरासत में अहम स्थान है और वह अनुग्रह, गरिमा और अलंकरण के प्रतीक हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, मेरा विश्वास है कि अयोध्या में बनने वाला यह राम मंदिर सभी भारतीयों को भगवान श्रीराम के गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा।
अयोध्या आंदोलन में अपनी भूमिका उल्लेख करते हुए वयोवृद्ध नेता ने कहा कि भाग्य ने उन पर रामजन्मभूमि का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी डाली थी। यह उनके लिए सौभाग्य की बात थी। आंदोलन के सिलसिले में उन्होंने वर्ष 1990 में सोमनाथ से अयोध्या तक रामरथ यात्रा निकाली थी जो अनगिनत लोगों की भावनाओं और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती थी। इससे बड़े पैमाने पर जनजागरण भी हुआ। उन्होंने कहा कि देश की सांस्कृतिक और सभ्यात्मक विरासत में भगवान राम का अतुलनीय स्थान है। भगवान राम दिव्यता, गरिमा और मर्यादा के मूर्तरूप थे।
आडवाणी ने कहा, यह भी मेरा विश्वास है कि राम मंदिर भारत का एक मजबूत, समृद्ध, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र के रूप में प्रतिनिधित्व करेगा जहां सभी को न्याय मिल सकेगा और किसी को भी समाज और व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाएगा, ताकि हम वास्तव में राम राज्य में सुशासन के प्रतीक बन सकें।
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