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    आखिर लिज ट्रस की कंजरवेटिव पार्टी को ‘टोरी’ क्‍यों कहते है ? जानिए इसके पीछे की कहानी

  • October 21, 2022

    नई दिल्ली । ब्रिटेन (Britain) एक बार फिर चर्चा में है. इस बार भी चर्चा की वजह प्रधानमंत्री (Prime minister) हैं. पिछली बार विवादों में आने के कारण बोरिस जॉनसन (boris johnson) को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा (Resignation) देने पड़ा था. उनकी जगह पर लिज ट्रस (Liz Truss) को छह सितंबर को ब्रिटेन का नया पीएम चुना गया. उन्हें सत्ता संभाले हुए महज 45 दिन हुए हैं और अब इन्हें भी अपने विवादित आर्थिक फैसलों के कारण इस्तीफा देना पड़ गया.

    इस पूरे घटना क्रम के दौरान कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के लिए एक शब्द का खूब इस्तेमाल हो रहा है, वह है ‘टोरी’ (Tory). पहले भी देखा गया है कि लेबर पार्टी (कंजरवेटिव पार्टी की विरोधी) के नेता अपने भाषणों में कंजरवेटिव पार्टी के लिए Same old Tories, Tory cuts Tory-led coalition Tory froth, Tory years जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं तो आखिर उसे टोरी कहकर क्यों बुलाया जा रहा है? इसका क्या मतलब होता है?


    एक विद्रोह के बाद टोरी दल का उदय हुआ
    टोरी के बारे में जानने के लिए हमें आज से करीब 340 साल पुराने ब्रिटेन के इतिहास में जाना होगा. ये साल था 1679. किंग चार्ल्स-II गद्दी पर बैठे थे. उनके बाद गद्दी पर कौन बैठेगा इसलिए जोर-शोर से चर्चा हो रही थी. माना जा रहा था कि उनके बाद उनके भाई जेम्स द ड्यूक ऑफ यॉर्क सिंहासन संभालेंगे लेकिन दरबारियों में अचानक हलचल तेज हो गई. विद्रोह हो गया. कुछ सदस्य जेम्स को राजा के तौर पर अपनाने के लिए तैयार थे जबकि कुछ ने इसका खुले तौर पर विरोध (exclusion crisis) कर दिया.

    इस घटना ने बाद में कंजरवेटिव पार्टी को जन्म दिया. दरअसल जब विरोध हुआ तो दो नए राजनीतिक गुटों का उदय हुआ. द स्कॉट्समैन के मुताबिक इनमें से एक गुट टोरी (Tory) कहलाया, जो चार्ल्स के भाई जेम्स द ड्यूक ऑफ यॉर्क को सिंहासन देने का समर्थन कर रहा था. वहीं दूसरा गुट व्हिग (Whigs) कहलाया, जो जेम्स को सिंहासन पर बैठाने का विरोध कर रहा था. बहरहाल टोरी की जीत हुई और जेम्स, किंग जेम्स-II बन गए.

    पहले लुटेरों-डाकुओं को बुलाया जाता था टोरी
    द स्कॉट्समैन के मुताबिक टोरी शब्द मध्य आयरिश शब्द टोरैडे से लिया गया था, जिसका मतलब होता है- लुटेरा या डाकू. विद्रोह (exclusion crisis) के समय टोरी शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया गया, जिन्होंने रोमन कैथोलिक में विश्वास रखने के बावजूद जेम्स को सिंहासन देने का समर्थन किया था. टोरीज मानते थे कि राजशाही संसद और उनके विरोधी धड़े व्हिग पर लगाम लगा सकती है. यह धारणा आज भी बनी हुई है. उस समय टोरीज गुट में देश के कुलीन, जमींदार परिवार और आर्थिक लाभों में रुचि रखने वाले मध्यम वर्ग के धनी लोग शामिल थे.

    वहीं व्हिग शब्द व्हिगगामोर से आया है. उस समय घोड़ा चोरी करने वालों के लिए व्हिग शब्द का इस्तेमाल किया जाता था. बाद में इस शब्द का इस्तेमाल उन लोगों के लिए होने लगा जो सिंहासन पर किंग के उत्तराधिकारी को न बैठाने की मांग कर रहे थे. धीरे-धीरे यह शब्द विद्रोह का प्रतीक बन गया.

    यूके पार्लियामेंट की वेबसाइट के मुताबिक किंग के खिलाफ आवाज उठाने के अक्सर परिणाम बुरे ही होते हैं. व्हिग्स गुट के लोगों के साथ भी ऐसा ही हुआ. चार्ल्स ने प्रमुख व्हिग्स के खिलाफ अभियान चलाया. गुट के दो लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई, कई को देश से निकाल दिया गया. इसके अलावा कुछ को शहर और स्थानीय सरकार से भी हटा दिया गया.

    व्हिग्स को मृत्युदंड, देशनिकाला का सामना करना पड़ा
    यूके पार्लियामेंट की वेबसाइट के मुताबिक उस समय किंग चार्ल्स की संसद में कॉमन्स द्वारा तीन बिल पेश किए गए थे, जिसमें ड्यूक ऑफ यॉर्क को सिंहासन पर बैठने से रोकने की मांग की गई थी. नवंबर 1680 में तब किंग ने इस बिल को खारिज कर दिया था. इसके बाद मार्च 1681 में ऑक्सफोर्ड में संसद बुलाई गई लेकिन इससे पहले ही संसद को भंग कर दिया गया क्योंकि कॉमन्स बिल पर वोटिंग की तैयारी कर रहे थे. इसके बाद चार्ल्स ने संसद की बैठक ही नहीं बुलाई और प्रमुख व्हिग्स के दमन को लेकर अभियान शुरू कर दिया.

    पिछड़ा दिखाने के लिए बुलाते हैं टोरी
    समय बदल चुका है लेकिन आज भी ब्रिटेन में टोरी शब्द का इस्तेमाल अपमान करने के लिए होता है. बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में लेबर पार्टी के पूर्व सांसद और पूर्व कैबिनेट मंत्री ने डेविड ब्लंकेट बताया था- मैं अपने विरोधियों को टोरी कहकर बुलाता हूं क्योंकि मैं उन्हें पिछड़ा दिखाने या सुधार विरोधी बताने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करता हूं.

    वहीं कंजरवेटिव की पूर्व सांसद सारा वोलास्टन ने बीबीसी को इंटरव्यू में बताया था कि जब लोग उन्हें टोरी कहते हैं तो वह ऐसा उनका अपमान करने के लिए करते थे. अगर वे कुछ अच्छा करते हैं तो उन्हें लोग कंजरवेटिव कहकर बुलाते थे.

    यह तो थी टोरी गुट के बनने की कहानी. अब जानते हैं कि टोरी दल कंजरवेटिव पार्टी कैसे बनी?

    1830 में पहली बार कंजरवेटिव नाम का जिक्र किया गया
    एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका के मुताबिक टोरी दल को बाद में कंजरवेटिव पार्टी के नाम से जाना जाने लगा. 1832 के ब्रिटेन के सुधार विधेयक के बाद मध्यम वर्ग को चुनावी अधिकार दे दिए गए. इसके बाद टोरी दल के सदस्यों ने कंजरवेटिव एसोसिएशन बनाना शुरू किया. कंजरवेटिव नाम का पहली बार जॉन विल्सन क्रोकर द्वारा 1830 में तिमाही समीक्षा रिपोर्ट में इस्तेमाल किया गया था.

    पहली कंजरवेटिव सरकार का गठन सर रॉबर्ट पील द्वारा किया गया था, जिसका टैमवर्थ घोषणापत्र (1834) में निर्धारित किया गया था. सर रॉबर्ट पील ने ही पार्टी का आधुनिकीकरण किया था. ‘कंजरवेटिव’ शब्द को आधिकारिक तौर पर 1834 में अपनाया गया था. हालांकि पार्टी का नया नाम आने के बावजूद उसे लंबे समय तक ‘टोरी’ ही कहा जाता रहा.

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