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Live: बाबरी केस में कुछ देर में फैसला, CBI कोर्ट पहुंचे स्पेशल जज और आरोपी, कोर्ट के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

September 30, 2020


लखनऊ। बाबरी केस में सीबीआई कोर्ट 11 से 1 बजे के बीच फैसला सुना सकती है। ऐसे में पुलिस ने सीबीआई स्पेशल कोर्ट के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी है। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बड़े नेताओं के किस्मत का फैसला करने के साथ ही सीबीआई के स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव रिटायर हो जाएंगे। फैसला सुनाने के साथ ही वह शाम 5:00 बजे रिटायर हो जाएंगे। जज एसके यादव रिटायर हो गए थे। उनको एक्सटेंशन दिया गया था, ताकि सुनवाई जारी रहे और नए सिरे से सुनवाई न करनी पड़े।
बाबरी विध्वंस केस पर फैसला थोड़ी देर में आएगा। चंपत राय, जय भगवान गोयल और रामजी गुप्ता, सीबीआई कोर्ट पहुंच गए हैं। सीबीआई के स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव, अदालत परिसर पहुंच गए हैं।
बाबरी विध्वंस केस के आरोपी विनय कटियार भी अदालत पहुंच गए हैं। कटियार ने कहा कि सजा होगी तो जेल जाएंगे।

लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, रामचंद्र खत्री और सुधीर कक्कड़ सीबीआई कोर्ट में उपस्थित नहीं रहेंगे। पांचों आरोपियों की तरफ से उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं।

आडवाणी का स्वास्थ्य ठीक नहीं
लालकृष्ण आडवाणी की उम्र 92 साल है। उम्र अधिक होने के कारण वह ठीक से चलने-फिरने में असमर्थ हैं। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। ऐसे में वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते हैं। उनके वकील कोर्ट में प्रार्थनापत्र दे सकते हैं।

उमा भरती कोरोना पॉजिटिव इसलिए नहीं आ सकेगीं
वहीं उमा भारती को बीते सोमवार को कोरोना वायरस पॉजिटिव मिला था। उनकी तबीयत खराब होने के बाद उन्हें ऋषिकेश के एम्स में भर्ती कराया गया है। उमा भारती के अस्पताल में होने के चलते वह कोर्ट में नहीं आ सकती हैं। उनकी भी गैर मौजूदगी रहेगी।

दो अन्य आरोपी इसलिए नहीं रहेंगे मौजूद
आडवाणी और उमा के अलावा जोशी की उम्र भी बहुत ज्यादा है वह भी कोर्ट में नहीं आ सकते हैं। एक अन्य आरोपी रामचंद्र खत्री हरियाणा के सोनीपत की जेल में एक दूसरे केस को लेकर बंद हैं, जिसके कारण उनकी भी उपस्थिति कोर्ट में नहीं हो सकती है। कारसेवक सुधीर कक्कड़ भी मौजूद नहीं रहेंगे।

गैर मौजूदगी में कोर्ट यह ले सकता है फैसला
विशेषज्ञों की मानें तो आरोपियों की गैर मौजूदगी में कोर्ट फैसले को टाल सकता है। वकील रवि सिंह ने बताया कि कोर्ट या तो फैसला टाल सकता है या आरोपियों की अनुपस्थिति में फैसला दे सकता है। अगर आरोपियों को बरी किया जाता है तो कोर्ट फैसला सुना देगा। वहीं अगर आरोपियों को दोषी करार दिया जाता है तो जो दोषी कोर्ट में मौजूद नहीं होंगे, उनके खिलाफ तत्काल एनबीडबल्यू जारी किया जा सकता है।

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