आईएएस अफसर का हिन्दूज्म
मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की नजरों से उतर चुके एक आईएएस अधिकारी (IAS Officer) अब भाजपा और संघ से नजदीकी बनाने के लिए भगवा रंग में रंगे नजर आने लगे हैं। डेढ़ साल पहले कमलनाथ (Kamalnath) का झंडा लेकर उनकी जय-जयकार करने और कराने वाले इस अधिकारी पर कई गंभीर आरोप हैं। भाजपा और संघ से नजदीकी बनाने के लिए इस अधिकारी ने हिन्दूज्म पर एक किताब लिखने का दावा किया है। किताब के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि – दुनिया की हर समस्या का समाधान हिन्दू धर्म की संस्कृति और मान्यताओं में है। अधिकारी ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी किताब का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। हालांकि इस किताब पर लेखक के रूप में पहला नाम किसी अन्य का लिखा है। लेकिन सह लेखक के रूप में इस आईएएस का नाम छापा गया। देखना है कि इस पुस्तक के बाजार में आने के बाद अधिकारी की संघ और भाजपा में कितनी पूछ परख हो पाती है।
सबसे आगे सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को मोदी सरकार में मंत्री बने अभी 2 माह ही पूरे हुए हैं लेकिन इन दो महीनों में उन्होंने अपने विभाग से मप्र को छप्पड़ फाड़कर दे दिया है। सिंधिया का विभाग पिछले 65 दिन से लगातार मप्र को हरसंभव सौगात देने के काम में दिन रात जुटा है। पिछले 53 दिन में मप्र को लगभग 58 नई विमान सेवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। खजुराहो में पायलट प्रशिक्षण केन्द्र की तैयारियां शुरू कर दी गई है। भोपाल में विमान रिपेरिंग का बड़ा केन्द्र बनाया जा रहा है। ग्वालियर में वायुसेना हवाई अड्डे से अलग नागरिक हवाई अड्डा बनाने के लिए सौ एकड़ भूमि का आवंटन हो चुका है। यहां तेजी से काम शुरू करने की तैयारी है। भाजपा के पुराने और दिग्गज नेता सिंधिया की कार्यशैली देखकर हैरान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन चार केन्द्रीय मंत्रियों के सामने है जो मप्र कोटे से केन्द्र में मंत्री तो हैं लेकिन उनके विभाग मप्र को कुछ खास उपलब्धि नहीं दे पा रहे हैं।
शिवराज-दिग्विजय की गुरुभक्ति
इस सप्ताह मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दोनों ही अपनी-अपनी गुरुभक्ति का प्रदर्शन करने महाकौशल के नरसिंहपुर जिले में सक्रिय दिखाई दिए। खास बात यह है कि इन दोनों नेताओं ने अपने-अपने गुरु की भक्ति की। शिवराज सिंह चौहान ने नरसिंहपुर जिले के राजमार्ग पहुंचकर श्री रावतपुरा महाराज के दर्शन किए और उनका आशीर्वाद लिया। दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी नरसिंहपुर के गाडरवारा पहुंचकर जगतगुरु शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद सरस्वती के 95वें जन्मोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया और उनके प्रति अपनी भक्ति प्रकट की। खास बात यह है कि दोनों नेताओं ने अपने-अपने गुरु की भक्ति तो की लेकिन एक-दूसरे के गुरु के दर्शन करने नहीं पहुंचे।
चैनल बिकते हैं, बोलो खरीदोगे
अभी तक सेटेलाईट समाचार चैनलों पर सत्तारूढ़ दल के हाथों बिक कर खबरें दिखाने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन अब दिल्ली में एक कंपनी थोक के भाव न्यूज चैनल बेच रही है। दिल्ली में कुछ लोगों ने समाचार चैनल के लायसेंस और कंपनी बेचने का व्यवसाय शुरू कर रखा है। इस सप्ताह मप्र के 2 लोगों ने ऐसे ही 2 सेटेलाईट चैनल खरीदने का सौदा किया है। खबर है कि लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपये में चैनल का लायसेंस और कंपनी दोनों आसानी से मिल रहे हैं। भोपाल में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक और एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक दिल्ली जाकर अलग-अलग चैनल खरीद लाए हैं। इन दोनों को ही खबरों का न तो कोई अनुभव है और न ही समझ। देखना है कि करोड़ों में खरीदे गए यह चैनल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जगत के लिए कितने लाभप्रद होंगे?
पूर्व मंत्री की बदतमीजी
रीवा में कांग्रेस के प्रभारी बनाये गये पूर्व मंत्री राजा पटेरिया का एक बहुत ही आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रीवा प्रवास पर पहुंचे राजा पटेरिया से मीडिया ने सहज रूप से पूछ लिया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शादी कब होगी? इससे भड़के राजा पटेरिया ने जबाव दिया कि आप अपनी बहू बेटियों को भेज दो, राहुल को पसंद आएंगीं तो शादी कर लेंगें। राजा पटेरिया के इस बयान से भाजपा तो हमलावर हो ही गई है, कांग्रेस के नेता भी खासे नाराज हैं। पूर्व मंत्री के इस बयान की रीवा से भोपाल तक तीखी निन्दा हो रही है। बताते हैं कि इस बयान को लेकर पटेरिया की शिकायत कांग्रेस के प्रभारी मुकुल वासनिक, प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ और कांग्रेस नेतृत्व तक से की गई है। पटेरिया की परेशानी बढ़ सकती हैं।
बदले की फिराक में आईएएस!
मप्र में लगभग एक दशक तक भाजपा सरकार के बेहद नजदीक रहे एक आईएएस अधिकारी आजकल भाजपा और राज्य सरकार से बदला लेने की बड़ी तैयारी कर रहे हैं। लंबे समय से लूप लाईन में चल रहे इस अधिकारी के बारे में चर्चा है कि वह अपने कथित अपमान का बदला लेने रात-दिन दस्तावेज और फाईलें तैयार करने में लगे हैं। इस अधिकारी के पास सरकार के एक निर्माण विभाग की बड़ी जिम्मेदारी रही है। सरकार से बदला लेने यह अधिकारी नर्मदा घाटी विकास विभाग की फाईलों की पड़ताल में लगे हैं। मुखबिर का कहना है कि नर्मदा घाटी विकास विभाग के लगभग 24 हजार करोड़ के टेंडर 30 प्रतिशत कम रेट पर आवंटित किए गए। आवंटन के बाद इन्हें पुनरीक्षित करके लगभग 28 हजार करोड़ कर दिया गया। आईएएस अधिकारी इसी मुद्दे पर सरकार पर बड़ा हमला करने की तैयारी में लगे हैं।
और अंत में….
कोरोना की दूसरी लहर ने मप्र के लगभग 50 पत्रकारों को लील लिया था। इन पत्रकारों का पत्रकारिता के प्रति योगदान, इन पत्रकारों के निधन के बाद उनके परिवारों की स्थिति आदि की चिंता ग्वालियर के वरिष्ठ पत्रकार देव श्रीमाली ने सबसे पहले की है। श्रीमाली इन सभी पत्रकारों को लेकर एक किताब का प्रकाशन करने की तैयारी कर रहे हैं। इस किताब में दिवंगत पत्रकारों के फोटो, उनका पत्रकारिता में योगदान और उनके परिवार की मौजूदा स्थिति की संक्षिप्त जानकारी संग्रहित की जा रही है। यह किताब दीवाली के पहले छापने की तैयारी है। पत्रकारों के इस भावनात्मक पक्ष को लेकर देव श्रीमाली के इस प्रयास की मीडिया जगत में प्रशंसा की जा रही है।
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